मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने कर्नाटक में हिजाब विवाद में अदालत के फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि हम अदालत का बेहद सम्मान करते हैं लेकिन ऐसा महसूस होता हैं कि हिजाब के मसले को सही तरीक़े से समझने की कोशिश नहीं की गयी।
इमामे जुमा मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि मुसलमान पूरे हिंदुस्तान में जहां भी संभव हो अपने शिक्षण संस्थानों का निर्माण करें। यह ज़रूरी नहीं है कि हम पहले बड़े-बड़े स्कूलों और कॉलेजों को स्थापित करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि पहले छोटे स्कूलों से ही इस दिशा में प्रयास किया जा सकता हैं। मौलाना ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना मिल्लत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ताकि हम किसी दूसरे के मोहताज न रहें। हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना है ताकि हमारी पहचान को कोई ख़त्म करने का प्रयास न करें।
मौलाना ने अपने बयान में आगे कहा कि हिजाब शिक्षा हासिल करने में बाधा नहीं है। इसलिए हम मांग करते हैं कि छात्राओं को हिजाब पहनकर स्कूलों में प्रवेश की अनुमति दी जाए। इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को उठाने के बजाय, देश में विकास, समृद्धि और अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाना चाहिए। मौलाना ने ये भी ऐलान किया कि नमाज़े जुमा होली की वजह से एक घंटा देर से 1:15 पर शुरू होगी।