कर्नाटक की स्कूलों में गुजरात की तर्ज पर भगवत गीता को शामिल करने को लेकर कांग्रेस नेता के रहमान खान ने कहा कि इसमें भाजपा का स्वार्थ निहित है। हर धार्मिक पुस्तक धर्म सिखाती है, आप यह नहीं कह सकते हो कि यह केवल गीता है जो धर्म या भारतीय संस्कृति सिखाती है। अगर ऐसा है तो सभी धार्मिक पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
दरअसल, भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने भगवद गीता को शैक्षणिक वर्ष 2022 से कक्षा 6 से 12 के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर मंजूरी दे दी है। जिस पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने बीसी नागेश ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि हमारे राज्य में भी यह कदम उठाया जाएगा, अगर विशेषज्ञ इसकी मंजूरी देते हैं तो अगले शैक्षणिक सत्र में इसे शामिल किया जाएगा।
अब इस मामले में कांग्रेस नेता रहमान खान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि ऐसा करने के पीछे भाजपा का स्वार्थ निहित है। खान ने कहा, “हर धार्मिक पुस्तक धर्म सिखाती है, आप यह नहीं कह सकते कि यह केवल गीता है जो धर्म और भारतीय संस्कृति सिखाती है। छात्रों को सभी धार्मिक पुस्तकों को पढ़ाया जाना चाहिए। इसमें भाजपा का निहित स्वार्थ है क्योंकि नई शिक्षा नीति को हिंदुत्व नीति के आवरण में ओढना ही मकसद है बाकी कुछ नहीं।”
कर्म रावण जैसे और गीता के बारे में बातः सिसोदिया
गुजरात सरकार के भगवत गीता को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने के फैसले की दिल्ली के डिप्टी मनीष सिसोदिया ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह एक महान कदम है लेकिन जो लोग इसे पेश कर रहे हैं उन्हें पहले गीता के मूल्यों का अभ्यास करने की जरूरत है। उनके कर्म रावण की तरह हैं और वे गीता के बारे में बात करते हैं।