उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में रार बढ़ती जा रही है। शिवपाल यादव के बाद आजम खान का खेमा भी बगावत पर उतर आया है। आजम खान के मीडिया प्रभारी की ओर से नाराजगी जाहिए किए जाने के बाद अब एक और सपा नेता ने इस पर खुलकर अपनी बात कही है। आजम के करीबी कहे जाने वाले सैयद मोहम्मद आरिस ने अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि ढाई साल में उन्होंने आजम की तकलीफों को कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद भी अखिलेश ने आजम खान का मुद्दा नहीं उठाया है।
आरिस ने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जिस मुलायम परिवार को थोड़ी सी दिक्कत होने पर आजम खान पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ देते थे उस परिवार ने पिछले ढाई साल में उनके लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि नेताजी की तबीयत खराब होती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने जाते हैं, घर में कोई शादी-ब्याह हो तो सीएम-पीएम आते हैं। आरिस ने कहा कि उन्हें इस बात की तकलीफ है कि इस संपर्क का इस्तेमाल आजम के लिए नहीं किया गया।
मीडिया प्रभारी शानू की ओर से दिए गए बयान पर सहमति जताते हुए आरिस ने कहा कि वह जिम्मेदार व्यक्ति हैं और पिछले ढाई सालों में जो कुछ देखा है वह दर्द शब्दों के जरिए बाहर आ गया है। आरिस ने कहा कि उन्होंने आजम खान को लेकर अखिलेश यादव से 5 बार मुलाकात की है। आखिरी बार दिल्ली में बात हुए थी। बकौल आरिस अखिलेश यादव ने कहा, ”सरकार उनके खिलाफ है, हम क्या कर सकते हैं।” आरिस ने कहा कि हम तो मुख्यमंत्री की बात सुनकर हैरान रह गए। एक तरफ योगी जी कहते हैं कि अखिलेश नहीं चाहते कि आजम बाहर आएं, दूसरी तरफ अखिलेश कहते हैं कि सरकार खिलाफ है।
गौरतलब है कि आजम खान ने आरिस के लिए भी अखिलेश से टिकट मांगा था। इस बाबत सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह आजम साहब की मोहब्बत थी, लेकिन गरीब आदमी को पार्टी में टिकट नहीं दिया जा रहा है। भले ही उसने कितनी भी मेहनत की। यह पूछे जाने पर कि आजम खान का अगला कदम क्या होगा, आरिस ने कुछ भी साफ बोलने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि आजम साहब का परिवार बहुत तकलीफ में है। वे बहुत भारी लोग हैं। आंखें तो उनकी तकलीफ बताती है, लेकिन वह जुबान पर कुछ नहीं आने देते।