महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना और बीजेपी में चल रही खींचतान के बीच रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से दूर रहे। पीएम नरेंद्र मोदी को आज पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार दिया गया। जिस सयम पीएम मोदी को पुरस्कार दिया जा रहा था उस समय सीएम ठाकरे अपने परिवार के साथ 80 साल की शिवसेना कार्यकर्ता चंद्रभाग शिंदे से मुलाकात की।
शिंदे जो कि एक दिन पहले ही मुंबई के परेल इलाके में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध का चेहरा बनी थीं। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने लता दीनानाथ मंगेश्कर पुरस्कार समारोह का निमंत्रण पत्र ट्वीट किया जिसमें सीएम उद्धव ठाकरे का नाम नहीं था।
जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट किया, ‘मंगेशकर परिवार ने लता मंगेशकर पुरस्कार समारोह के निमंत्रण पत्र पर मुख्यमंत्री का नाम लिखने से परहेज किया। उनकी भूमिका समझ से बाहर है। मंगेशकर परिवार का यह कृत्य 12 करोड़ मराठी लोगों का अपमान है।’ शिवसैनिक कार्यकर्ता शिंदे को कट्टर शिवसैनिक माना जाता है। उन्होंने बांद्रा में सीएम ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के भीषण गर्मी और उमस में विरोध प्रदर्शन किया था।
सीएम ठाकरे अपनी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य और तेजस शाम को शिंदे के घर पहुंचे। शिंदे जो कि शिवसेना के गढ़ परेल में क्रिसेंट बे बिल्डिंग एक कमरे में रहती हैं। शिवसेना के पदाधिकारियों ने कहा कि मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार और शनिवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान शिंदे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद फोन पर बात की थी। वहीं, मुख्यमंत्री ने उन्हें मातोश्री के अंदर आमंत्रित भी किय था।