दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ और उपद्रव को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली और इंतजामों पर गहरी चिंता जताई है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक पदाधिकारी के आवास पर हुई घटना बेहद परेशान करने वाली स्थिति है। प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़े गए 3 बैरिकेड्स के बाद आपको अपने कामकाज और बंदोबस्त पर गौर करने की जरूरत है। वहां कोई भी हो सकता था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बंदोबस्त’ के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट से वह संतुष्ट नहीं है।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि जांच जारी है। सीसीटीवी कैमरों के विभिन्न ऐंगल की फॉरेंसिक जांच की जाएगी और फिर एक उचित तस्वीर सामने आएगी। इस मामले में हाईलेवल पर जांच की जाएगी।
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी संजय जैन का कहना है कि यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। सुरक्षा की समीक्षा भी की गई है। जांच के तहत सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा गया है। आरोपियों की पहचान कर ली गई है और 41ए नोटिस जारी किए गए हैं।
वहीं, दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक एम सिंघवी ने कहा है कि हमें दिल्ली पुलिस द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है। वीडियो में देखे गए लोगों को राजनीतिक शक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पीएम सुरक्षा में चूक के निर्देश दिए थे, लेकिन यहां लोगों ने सीएम के घर के 3 लेवल के बैरिकेड्स तोड़ दिए।