उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद विवादों में आईं सांसद नवनीत राणा के खिलाफ एक बार फिर से महाराष्ट्र सरकार अदालत पहुंची है। सरकारी वकील ने अदालत से मांग की है कि जेल से बाहर आने के बाद नवनीत राणा और उनके पति ने बेल की शर्तों का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें फिर से जेल में भेजा जाना चाहिए। इस पर अदालत ने राणा दंपति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और पूछा है कि उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट क्यों नहीं जारी किया जाना चाहिए। इस बीच इस पर नवनीत राणा का भी रिएक्शन आया है। दिल्ली पहुंचीं नवनीत राणा ने कहा कि हम दिल्ली से वापस जाकर कोर्ट के नोटिस का जवाब देंगे।
आक्रामक तेवरों में बोलीं- पूरी जिंदगी जेल में रहने को हूं तैयार
इसके साथ ही उन्होंने आक्रामक तेवर जारी रखे हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि राम के नाम पर पूरी जिंदगी ही जेल में काटनी पड़ जाए तो मैं उसके लिए भी तैयार रहूंगी। बेल की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोपों पर नवनीत राणा ने कहा, ‘मीडिया से जेल में हुए दुर्व्यवहार पर हमने बात की है। हमने जमानत की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। हमारे ऊपर जो आरोप लगे हैं, उन्हें लेकर तो हमने कोई बात ही नहीं की है। कोर्ट की ओर से फिर नोटिस मिलने पर नवनीत राणा ने कहा कि भगवान का नाम लेना कभी गलत नहीं हो सकता है। यदि कोई मुझे भगवान राम का नाम लेने पर पूरी जिंदगी के लिए जेल में डाले तो वह भी हम झेलने के लिए तैयार हैं।’
बताया- क्यों उद्धव ठाकरे पर करती हैं तीखे हमले
उद्धव ठाकरे पर अटैक को लेकर नवनीत राणा ने कहा कि बालासाहेब ने हिंदुत्व के लिए लड़ाई की, लेकिन इन्होंने पद के लिए लड़ाई लड़ी है। हम बालासाहेब ठाकरे को मानने वाले हैं, हम उद्धव ठाकरे जी को नहीं मानते। वह पद के लिए अपनी विचारधारा समेत अन्य सभी चीजों को छोड़ चुके हैं। महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार हुआ, जब लंबे समय तक मुख्यमंत्री अपने दफ्तर तक नहीं जाता है। नवनीत राणा ने कहा कि पुलिस कमिश्नर ने जिस तरह से उद्धव ठाकरे के कहने पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की है, वह गलते है।