औरंगाबाद में औरंगजेब के मकबरे के बाहर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने इसे ध्वस्त करने के लिए कहा है। स्थानीय प्रशासन द्वारा पर्यटकों/आगंतुकों के लिए प्रवेश भी रद्द कर दिया गया है। आपको बता दें कि यह मकबरा हाल ही में तब चर्चा में आया जब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने रहस्यमय तरीके से वहां का दौरा किया।
एमएनएस के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को पूछा, “शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने सामना से कहा था कि मकबरा गिरा दिया जाना चाहिए। फिर यह अभी भी क्यों है?”.
काले ने आरोप लगया, “सुरक्षा प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र सरकार का कार्य हमारे घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। औरंगजेब ने संभाजी राजे (शिवाजी के पुत्र) को बेरहमी से प्रताड़ित किया। उन्होंने ही हमारे स्वराज को रौंदने की कोशिश की थी और फिर भी महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान की है।”
‘औरंगजेब की पहचान पर कुत्ता भी..’असदुद्दीन ओवैसी पर बरसे फडणवीस
इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा था कि असदुद्दीन ओवैसी औरंगजेब को उनकी कब्र पर श्रद्धांजलि देते हैं, इस बात से शर्म आनी चाहिए। फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब की पहचान पर कुत्ता भी पेशाब नहीं करेगा। इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा।
फडणवीस ने मुंबई में भाजपा की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि बालासाहेब ठाकरे ने कभी सोचा होगा कि उनके बेटे के शासनकाल में हनुमान चालीसा पढ़ना देशद्रोह होगा और औरंगजेब की कब्र पर जाना राजकीय शिष्टाचार होगा। फडणवीस ने कहा कि औरंगजेब की पहचान पर कुत्ता भी पेशाब नहीं करेगा।