शिवसेना ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के जरिए शिवसेना ने कहा है कि इन मुद्दों के जरिए ही भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव इन मुद्दों पर लडे़गी। साथ ही पार्टी ने भारत की तुलना फ्रांस से की है और काशी-मथुरा मामले को लेकर कश्मीर घाटी में हिंदू पंडितों के ‘दमन’ का मुद्दा उठाया है।
शुक्रवार को सामना हिंदी में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, ‘साढ़े 6 करोड़ जनसंख्या वाला देश फ्रांस ‘राफेल’ बनाकर हमें बेच रहा है और 130 करोड़ लोगों का देश रोज मंदिर-मस्जिद और अवशेषों का उत्खनन कर रहा है। इसी को कुछ लोग विकास समझते होंगे तो उन्हें साष्टांग दंडवत।’ इस दौरान पार्टी ने काशी-मथुरा, ताजमहल, जामा मस्जिद को लेकर जारी खबरों का भी जिक्र किया।
पार्टी ने कहा, ‘भाजपा के विकास का मॉडल इस तरह से चल रहा है। हनुमान चालीसा, भोंगा प्रकरण बहुत ज्यादा नहीं चला। हर बार कोई नई राम कहानी अथवा कृष्ण कथा रची जाती है। इसका मूल रामायण-महाभारत से कोई संबंध नहीं होता है। लेकिन लोगों को उकसाते रहना है, ऐसा धंधा चल रहा है।’
शिवसेना ने सरकार पर कश्मीर घाटी की स्थिति की अनदेखी करने के भी आरोप लगाए हैं। पार्टी ने लिखा, ‘‘अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है’ यह घोषणा हिंदुत्ववादियों को सुख पहुंचानेवाली है ही, परंतु कश्मीर घाटी में हिंदू पंडितों का जो दमन फिर से शुरू हुआ है, वह मुद्दा भी काशी-मथुरा जितना ही गंभीर है। उस ओर सुविधानुसार अनदेखी चल रही है।’
संजय राउत ने भी उठाए सवाल
बीते सप्ताह राउत ने कहा था कि राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद और ऐसे में जब भगवान राम का मंदिर बन रहा है, तो देश को स्थिरता की जरूरत है। दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राउत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 2024 की तैयारियां इस तरह से की जा रही हैं कि देश में तनाव पैदा करने के लिए सभी ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की खुदाई की जा रही है।’