कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजने की चर्चाएं कांग्रेस में चल रही हैं। प्रियंका गांधी 2017 से ही एक्टिव पॉलिटिक्स में हैं और उत्तर प्रदेश का जिम्मा संभाल रही हैं। लेकिन अब तक वह किसी भी सदन की सदस्य नहीं रही हैं। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए ताकि वह मुखरता से पार्टी का पक्ष संसद में रख सकें। कांग्रेस लीडरशिप और स्टेट यूनिट्स के बीच फिलहाल आने वाले राज्यसभा चुनावों को लेकर चर्चा हो रही है। हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस कुछ सीटों पर जीत की स्थिति में है। फिलहाल इन सीटों से किन नेताओं को मौका दिया जाए, इस पर विचार चल रहा है।
इसी बीच कुछ नेताओं ने प्रियंका गांधी को उच्च सदन में भेजने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि अब तक प्रियंका गांधी या फिर परिवार के अन्य किसी सदस्य ने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है। पार्टी के किसी अन्य नेता ने भी खुलकर इस पर बात नहीं की है, लेकिन अंदरखाने चर्चाएं तेज हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी को अमेठी या फिर रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर भी पहले विचार किया जा रहा था। लेकिन अब इस पर इरादा बदलता दिख रहा है। इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की जो हालत है, उसमें इन सीटों पर लोकसभा चुनाव जीतना भी रिस्की है, जो कभी गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ रही हैं।
अमेठी से 2019 में खुद राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था और सोनिया गांधी की जीत का अंतर भी काफी कम हो गया था। ऐसे में प्रियंका गांधी को चुनावी समर में उतारकर कांग्रेस संभावनाओं को कमजोर नहीं करना चाहती। यदि वह जीत नहीं पाती हैं तो फिर उनकी भविष्य की सियासी संभावनाओं पर भी असर पड़ेगा। इसलिए कांग्रेस पहले ही मुकाबले में उन्हें कठिन मैदान नहीं देना चाहती। राजस्थान, कर्नाटक समेत कई राज्यों के नेताओं ने हाईकमान से यह इच्छा जताई है कि यदि प्रियंका गांधी उनके यहां से राज्यसभा जाना चाहें तो उन्हें खुशी होगी।