पंजाब के विजय सिंगला भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान कई बड़े खुलासे हुए हैं। खबर है कि मामले में राज्य के कुछ विधायक, मंत्री और अन्य लोग भी जांच की रडार पर हैं। जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि सिंगला ने पांच सहयोगियों के जरिए अपने शुकराना यानि कमिशन नेटवर्क को बढ़ाया था। उन्हें मंगलवार को कैबिनेट से बाहर कर दिया था। वहीं, इसके कुछ देर बाद ही उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया था।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, OSD प्रदीप बंसल के अलावा तीन और नाम सामने आए हैं। इनमें मनसा के रहने वाले दो लोग विशाल उर्फ लवी और जोगेश कुमार हैं। ये दोनों अनधिकृत तरीके से सिंगला के निजी सहयोगियों के तौर पर काम कर रहे थे। एक ओर जहां विशाल पेस्टिसाइड का डीलर है। वहीं, कुमार ईंट भट्ठे का मालिक है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये दोनों डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के ट्रांसफर के मामले देखते थे।
सूत्रों ने आगे बताया कि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि बगैर उनकी हामी के कोई तबादले नहीं किए जाएंगे। ट्रांसफर चाहने वालों को कथित तौर पर एक महीने की सैलरी मंत्री को देने के लिए कहा जाता था। इनके अलावा पेशे से डेंटिस्ट डॉक्टर गिरीश गर्ग का नाम भी सामने आया है। वह राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ काम कर रहे हैं औऱ बठिंडा में हैं। खबर है कि उन्हें आर्थिक लेनदेन का जिम्मा दिया गया था। हालांकि, उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि सिंगला के बरनाला के एक और नजदीकी रिश्तेदार की गतिविधियां जांच के दायरे में हैं। सूत्रों ने कहा कि बर्खास्त मंत्री के सहयोगियों के अलावा दो अन्य कैबिनेट मंत्री और तीन विधायक भी रडार पर हैं। आप के प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने कहा, ‘जांच जारी है। किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। विधानसभा स्पीकर पहले ही दोषी विधायक के बारे में बोल चुके हैं।’