कश्मीर घाटी में हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं पर घाटी के ग्रांड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ऐसी हत्याएं शर्मिंदा करने वाली हैं और दुखद हैं। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीरी पंडितों से अपील की है कि वे घाटी छोड़कर न जाएं और यहीं रहें। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘हर हत्या दुखद है और जघन्य अपराध है। मुझे ऐसी हत्याओं से दर्द होता है। मैं चाहता हूं कि लोग समझें कि भाईचारा कितना जरूरी है। हमें ऐसी उपद्रवी तत्वों को हालात बिगाड़ने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि इस्लाम ही नहीं बल्कि दुनिया का हर मजहब मानवता की सीख देता है। यदि कोई मुद्दा है तो फिर उस संकट का निदान होना चाहिए। लेकिन हमें समाधान की ओर देखना होगा। खून बहाना तो मानवता के खिलाफ है। मुझे लगता है कि कश्मीर में इंसान और इंसान का खून बहुत सस्ता हो गया है। ग्रांड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने ऐसी हत्याओं की कड़ी निंदा की है। खासतौर पर बिहारी मजदूर की हत्या को लेकर कहा कि आखिर उनसे किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है। वे तो प्रवासी मजदूर हैं और कुछ पैसे कमाने के लिए यहां आते हैं। आखिर ये लोग बिहारी मजदूरों को क्यों मारना चाहते हैं। इन लोगों की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।
कश्मीरी पंडितों से घाटी में बने रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन लोगों को यहां से नहीं जाना चाहिए। नसीर उल-इस्लाम ने कहा, ‘उन्हें जाना नहीं चाहिए। यहीं पर रुकना चाहिए। हमने उनकी वापसी के लिए लगातार 30 सालों तक आवाज उठाई है। अब वे वापस आए हैं और उन्हें हमारे साथ पूरी गरिमा और शांति के साथ रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि कहीं भी बेगुनाहों का खून बहता है तो दुख होता है। यह शर्मनाक है। लोगों में इन घटनाओं के चलते डर और संदेह का माहौल है। किसी भी हालत में इस खूनखराबे को रोकना होगा।