राज्यसभा के चार राज्यों में 10 जून को होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा अपने विधायकों को संभालने के साथ विपक्षी खेमे में सेंध लगाने की जुगत में हैं। सबसे ज्यादा रस्साकशी राजस्थान में हैं, जहां कांग्रेस व भाजपा दोनों अपने अपने विधायकों को संभालने में लगी हुई है। दोनों को ही एक दूसरे के विधायकों के टूटने का खतरा है।
इस बीच भाजपा के चुनाव प्रभारियों ने भी राज्य इकाईयों के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन किया है। भाजपा ने पहली बार राज्यसभा चुनाव के लिए प्रभारियों को तैनात किया है। यह सभी केंद्र सरकार में मंत्री है। राजस्थान में नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा में गजेंद्र सिंह शेखावत, कर्नाटक में जी किशन रेड्डी और महाराष्ट्र में अश्विनी वैष्णव को प्रभारी बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इन सभी नेताओं ने राज्य इकाईयों के साथ भावी चुनावी रणनीति को लेकर मंथन किया है। खासकर मतदान वाले दिन को लेकर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा जहां विपक्षी खेमे में सेंध लगाने की कोशिश में है, वहीं वह अपने विधायकों को भी संभाल रही है। हालांकि, इन चारों राज्यों में भाजपा दो में ही अतिरिक्त उम्मीदवार उतारे हैं और दो में वह निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है। पार्टी ने कर्नाटक व महाराष्ट्र में अपनी जीत की क्षमता से एक-एक ज्यादा उम्मीदवार खड़ा किया है, जबकि राजस्थान व हरियाणा में वह निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है।
विधायकों को प्रशिक्षण शिविर में रखेगी पार्टी
भाजपा राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव से पहले अपने विधायकों को प्रशिक्षण शिविर के लिए यहां एक रिजॉर्ट में रखेगी। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी के विधायक भाजपा कार्यालय पहुंच गए हैं, जहां से उन्हें दिन में दो बसों से रिजॉर्ट ले जाया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है, जिसके लिए विधायकों को रिजॉर्ट में ले जाया जा रहा है।