पंजाब के सतर्कता ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार किया है। धर्मसोत की गिरफ्तारी मंगलवार तड़के की गई। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में वन और समाज कल्याण विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया था। उनके साथ एक स्थानीय पत्रकार कमलजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक सहयोगी के रूप में काम कर रहा था। राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के एक महीने से भी अधिक समय बाद यह कार्रवाई हुई है।
सतर्कता ब्यूरो के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों लोगों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ब्यूरो ने पूर्व मंत्री के खिलाफ कई सबूत एकत्र किए हैं, जब उन्होंने पिछले हफ्ते एक संभागीय वन अधिकारी गुरनामप्रीत सिंह और एक अन्य व्यक्ति हरमिंदर सिंह हम्मी को गिरफ्तार किया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने धर्मसोत को भारी रिश्वत दी थी। हम्मी कमलजीत के जरिए धर्मसोत को रिश्वत दे रहा था।
छात्रवृत्ति घोटाले में भी साधु पर लगे आरोप
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर के कार्यकाल के दौरान एक आईएएस अधिकारी कृपा शंकर सरोज की ओर से छात्रवृत्ति घोटाले में साधु को आरोपित किया गया था, लेकिन उन्हें “क्लीन चिट” दी गई थी। हालांकि, वन और सामाजिक कल्याण विभागों में भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता के पर्याप्त सबूत होने की बात कही गई।
भ्रष्टाचार के डोजियर पर कांग्रेस सरकार चुप रही’
मुख्यमंत्री मान की ओर से आईपीएस अधिकारी ईश्वर सिंह को सतर्कता ब्यूरो से हटाने और एक अन्य अधिकारी एडीजीपी वरिंदर कुमार को मुख्य निदेशक के रूप में तैनात करने के एक सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई है। अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले वरिंदर ने अमरिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान राज्य के खुफिया प्रमुख के रूप में कार्य किया था और विधायकों व मंत्रियों के भ्रष्टाचार का एक डोजियर बनाया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने कार्रवाई नहीं की, यह दावा किया गया है। सूत्रों ने कहा कि अब मान उस विशिष्ट जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं।