कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इस दौरान दिल्ली की सड़कों पर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अधीर रंजन चौधरी, के.सी. वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के 459 कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के निर्देशों का पालन नहीं करने पर हिरासत में ले लिया। हालांकि, विभिन्न थानों में लगभग 11 घंटे तक हिरासत में रखे जाने के बाद सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं के साथ मारपीट करने और उनके चोटिल होने संबंधी आरोपों की गंभीरता से जांच की जाएगी। नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में ED द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ के खिलाफ दिल्ली में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिया गया।
विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके कुछ नेताओं के साथ पुलिस ने मारपीट की। कांग्रेस ने शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना भी साधा।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ”जब तीन ऊंचे कद के तगड़े पुलिसकर्मी आप से टकराएं तो आप भाग्यशाली हैं कि केवल ‘हेयरलाइन क्रैक’ हुआ! डॉक्टरों ने कहा है कि अगर ‘हेयरलाइन क्रैक’ है तो यह लगभग 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाएगा। मैं ठीक हूं और कल अपने काम पर जाऊंगा।” अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता सोमवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए।
विरोध-प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को अकबर रोड, जहां कांग्रेस मुख्यालय स्थित है, क्यू प्वाइंट एपीजे कलाम रोड और मान सिंह रोड से हिरासत में लिया गया तथा उन्हें मंदिर मार्ग, तुगलक रोड और फतेहपुर बेरी थानों में ले जाया गया।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 100 वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को अकबर रोड और मौलाना आजाद रोड चौराहे से पार्टी मुख्यालय में प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जिनकी सूची पहले से उपलब्ध कराई गई थी।