अग्निपथ स्कीम का विरोध अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सेना में भर्ती की इस योजना की एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर समीक्षा कराने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि इस कमेटी का चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को बनाया जाना चाहिए। कमेटी की ओर से यह समीक्षा होनी चाहिए कि यह भर्ती स्कीम सेना और देश की सुरक्षा पर क्या असर डालेगी। इसके बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए। यही नहीं इस अर्जी में स्कीम के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की भी एसआईटी जांच की मांग की गई है।
अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट एसआईटी के गठन का आदेश जारी करे। यह कमेटी पता लगाए कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचा है। बता दें कि अग्निपथ स्कीम का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है और शनिवार को आरजेडी ने बिहार में भारत बंद बुलाया है। इस बंद को एनडीए में शामिल दल ‘हम’ ने समर्थन किया है। इसके अलावा वीआईपी की ओर से भी सपोर्ट किया गया है। इसके चलते शनिवार सुबह से ही बिहार के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।
इस बीच कांग्रेस ने ऐलान किया है कि उसके सभी सांसद, कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के अन्य तमाम पदाधिकारी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। रविवार को कांग्रेस के नेता जुटेंगे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने संयुक्त रोजगार समिति के प्रदर्शन के समर्थन का ऐलान किया है। जंतर मंतर पर यह प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि कई राज्यों में तो अग्निपथ स्कीम के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में अब तक हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स की भर्ती में 10 फीसदी का आरक्षण दिया जाएगा।