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एकनाथ शिंदे के बागी तेवर के आगे ढेर हो रहे उद्धव ठाकरे? अब शिवसेना के सिर्फ 3 मंत्रियों का रह गया साथ

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एकनाथ शिंदे के बागी तेवर ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की परेशानी बढ़ा दी है। शिंदे गुट ने रविवार को जोरदार जवाबी कार्रवाई करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत को तख्तापलट में शामिल होने के लिए गुवाहाटी लाया। दूसरी तरफ, राज्य विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल द्वारा अपने 16 विधायकों को अयोग्यता नोटिस भेजे जाने के खिलाफ विद्रोही खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में मांग की गई है कि ज़ीरवाल शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के समूह नेता के रूप में मान्यता दें।

शिंदे ने देर रात एमवीए गठबंधन के खिलाफ ट्वीट कर कहा, “बालासाहेब की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम से हैं और जिन्होंने मुंबई में बम विस्फोटों को अंजाम दिया? मैंने इसका विरोध करने के लिए ये कदम उठाए।”

सामंत पहले राकांपा के साथ थे। वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल से पाला बदलने वाले आठवें मंत्री हैं। इससे कैबिनेट में शिवसेना के सिर्फ तीन मंत्री रह गए हैं। रविवार को विद्रोही गुट में शामिल हुए महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कथित तौर पर नई सरकार में कैबिनेट बर्थ और रत्नागिरि के संरक्षक मंत्री पद के लिए बातचीत की है।

विद्रोही समूह अपने 16 विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए और समय मांगेगा। समय सीमा सोमवार शाम की है। बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा, “हमें एक सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए क्योंकि यह कोई आपात स्थिति नहीं है।” इस बीच भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने जालना में एक रैली में अपनी टिप्पणी से हलचल मचा दी। उन्होंने कहा, “हम केवल दो-तीन दिनों के लिए विपक्ष में रहेंगे।”

राज्यपाल बी एस कोश्यारी द्वारा केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद रविवार सुबह तक पंद्रह बागी विधायकों को सीआरपीएफ से वाई+ सुरक्षा मिली। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस को 47 विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए लिखा था। शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा, “पुलिस सुरक्षा राज्य का विषय है। यह पूरे प्रकरण में भाजपा के हाथ को दिखाता है।”

कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए शिवसेना ने रविवार तक रैलियां और प्रदर्शन किए। हालांकि, पार्टी नेता संजय राउत ने दहिसर में एक रैली में विद्रोहियों के खिलाफ अपने विस्फोटक बयानों से एक नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा, “40 विधायक जिंदा लाश हैं। उनकी आत्माएं मर चुकी हैं।” उन्होंने बाद में कहा, “यहां 40 विधायकों की लाशें आएंगी। हम उन्हें पोस्टमार्टम के लिए राज्य विधानसभा भेजेंगे।”

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