एकनाथ शिंदे के नए मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने और भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए तैयार है। जिन विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ तख्तापलट का समर्थन किया था, वो शनिवार रात गोवा से मुंबई लौट आए। अब राज्य राजनीतिक घटनाक्रम के एक और दौर के लिए तैयार है। स्पीकर के चुने जाने के बाद शिंदे सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ सकता है। विभागों के बंटवारे की प्रक्रिया पर भी पैनी नजर रहेगी और बीजेपी के पास अहम मंत्रालय रखने की संभावना है।
1. राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र रविवार से शुरू हो रहा है, जहां सदस्य 31 महीने के भीतर महा विकास अघाड़ी सरकार के पतन के बाद अगले अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। पिछले साल कांग्रेस के नाना पटोले के इस्तीफे के बाद स्पीकर का पद खाली था। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल स्पीकर के तौर पर काम कर रहे थे।
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने गोवा से करीब 50 विधायकों के लौटने के बाद शनिवार देर रात विधायकों की बैठक की। फडणवीस शिंदे सरकार में डिफ्टी सीएम हैं।
टीम शिंदे में अब शिवसेना के 55 में से 38 विधायक, नौ निर्दलीय और दूसरी पार्टी के दो विधायक शामिल हैं। 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के 105 विधायक हैं।
मुंबई के कोलाबा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर स्पीकर के पद के लिए नई गठबंधन सरकार की पसंद हैं।
राहुल के खिलाफ एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन ने शिवसेना विधायक राजन साल्वी को मैदान में उतारा है। विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप भी दिया गया है।सीएम शिंदे ने कहा, “हम मुंबई जा रहे हैं और रविवार को स्पीकर चुनाव का सामना करेंगे। व्हिप (शिवसेना की ओर से जारी) हमारे लिए लागू नहीं है, क्योंकि हमारे पास दो-तिहाई बहुमत है।”
राज्य में करीब दो हफ्ते की सियासी अफरातफरी के बाद पहला सत्र हंगामेदार रहने का अनुमान है। शिंदे और उनका समर्थन करने वाले 15 विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई को सुनवाई होनी है।