एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के विधायक राज्यसभा चुनाव से पहले ही विद्रोह की तैयारी में थे। संजय राउत को राज्यसभा चुनाव में हराने के लिए इन्होंने एक फॉर्मूला तैयार किया। हालांकि, उसका लाभ नहीं मिल सका। लोकमत मराठी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे खेमे का एक विधायक चर्चगेट स्टेशन के सामने एशियाई डिपार्टमेंट स्टोर में गया। उसने दस छोटे टूथपेस्ट खरीदे।
इस दस टूथपेस्ट के जरिए दस विधायकों के मतों को अवैध घोषित कराने की कोशिश करने की योजना बनाई गई। इसके लिए उन्होंने उंगली पर थोड़ा सा टूथपेस्ट लगाया। रणनीति यह थी कि मतपेटी में थोड़ा सा पेस्ट लगाया जाए ताकि वोट अस्पष्ट या मिटा दिया जाए और अमान्य घोषित कर दिया जाए।
ठाकरे के कारण विधायकों ने बदली रणनीति
हालांकि बाद में रणनीति बदल दी गई। बागी विधायकों ने कहा कि संजय राउत को नीचा दिखाने का हमारा इरादा नहीं है। अगर हम ऐसा करते हैं तो उद्धव ठाकरे सावधान हो जाएंगे।
संजय राउत को नापसंद करता शिंदे गुट
आपको बता दें कि शिंदे गुट के विधायक लगातार उद्धव ठाकरे के प्रति सम्मान की बात तो करते हैं, लेकिन वे संजय राउत से काफी नाराज हैं। उन्होंने तो राउत को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का एजेंट तक घोषित कर दिया है।
शिंदे गुट का कहना है कि संजय राउत एनसीपी के साथ मिलकर शिवसेना को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। विधायकों ने शिवसेना के हिंदुत्व की विचारधारा से भटकाने का आरोप भी लगाया।