ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह वाराणसी की जिला अदालत के फैसले का इंतजार करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर के पहले सप्ताह तक सुनवाई टाल दी है। बता दें कि कोर्ट अंजुमन इंतेजामिया मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। मस्जिद कमिटी ने कोर्ट द्वारा बनाए गए कमीशन के सर्वे को चुनौती दी थी।
ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा कि निचली अदालत का फैसला आने के बाद भी कानूनी विकल्प खुले रहेंगे। वहीं दो अन्य याचिकाओं पर सुनवाई से कोर्ट ने इनकार कर दिया।
जिन दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया उनमें से एक में मस्जिद परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग की पूजा का अधिकार मांगा गया था। वहीं दूसरी में ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की गई थी। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला जज को निर्देश दिए थे कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग को सुरक्षा दिलवाएं। इसके अलावा मस्जिद में मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी थी।
मंगलवार को याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से वकील मान बहादुर सिंह जिला अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम पक्ष कोर्ट को प्लैसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट और वक्फ ऐक्ट की बात करके गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में उनके तर्क पूरे हो जाएंगे और इसके बाद अंजुमन इंतेजामिया अपना पक्ष रखेगा। राखी सिंह और अन्य ने मस्जिद की बाहरी दीवार में स्थित मूर्तियों की रोज पूजा करने की अनुमति मांगी है वहीं मुस्लिम पक्ष ने केस को खारिज करने की मांग रखी है। राखी सिंह के वकील ने कोर्ट में कहा था कि 1993 तक हिंदू मां श्रृंगार गौरी की पूजा करते थे। इसके बाद सरकार ने बैरिकेड लगा दिए और पूजा बंद करवा दी।