महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की नई सरकार ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते हुए लिए गए कई फैसलों को पलट दिया। इसके बाद एक कदम और आगे बढ़ाते हुए इस नई सरकार ने ठाकरे के कार्यकाल के दौरान के कुछ अहम मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की तैयारी कर ली है।
एबीपी मांझा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों से यह खबर मिली है कि नई सरकार अहम मामलों की जांच महाराष्ट्र पुलिस के हाथ से सीबीआई को सौंपने की तैयारी कर रही है। साथ ही यह भी बताया गया है कि भाजपा नेता गिरीश महाजन सहित 28 अन्य लोगों के खिलाफ जबरन वसूली का मामला भी दर्ज किया गया है। साथ ही आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को संकट में डालने वाली फोन टैपिंग रिपोर्ट के लीक होने से संबंधित मामले को भी सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया गया है।
नई सरकार के आने के साथ ही महाराष्ट्र में दो अहम मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है। सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से पुलिस को इस तरह के निर्देश दिए गए हैं। महाविकास अघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान दर्ज मुकदमों को राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही केंद्रीय एजेंसियों को सौंपने के लिए कहा गया है।
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन सहित 28 अन्य के खिलाफ रंगदारी और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही फोन टैपिंग रिपोर्ट लीक करने के लिए मुंबई पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई पुणे पुलिस के खिलाफ रंगदारी मामले में 29 आरोपियों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें जांच स्थानांतरित करने के आदेश मिले हैं। लेकिन प्रक्रिया के अनुसार सीबीआई को इसे स्वीकार करना होगा। इसके बाद मामले और कागजात उन्हें सौंपे जाएंगे।”
शिंदे-फडणवीस सरकार के सत्ता में आने के बाद ठाकरे सरकार द्वारा लिए गए शहरों के नामकरण सहित कुछ अन्य फैसलों को निलंबित कर दिया गया। साथ ही मेट्रो को लेकर ठाकरे सरकार के फैसले को भी पलट दिया गया। एक तरफ फैसले को बदलने और रद्द करने की बात हो रही है तो दूसरी तरफ कुछ अपराधों की जांच सीधे सीबीआई को सौंपी जा रही है।