पंजाब में इन्हें नहीं मिलेगी फ्री वाली बिजली, भगवंत मान सरकार ने लगाई नियम-शर्तों की भरमार

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पंजाब सरकार ने हर घर को 600 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने की अपनी प्रमुख योजना का विवरण पेश किया है, लेकिन इस सुविधा का लाभ लेने के लिए शर्तों की भरमार लगा दी है। एससी, बीसी, बीपीएल या स्वतंत्रता सेनानी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए राइडर्स लगाए गए हैं

पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने एक सर्कुलर में यह स्पष्ट किया है कि इन चार श्रेणियों में आने वाले ऐसे लोग जो आयकर देते हैं, मंत्रियों या पूर्व मंत्रियों से नाता रखते हैं, जिन्हें 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है, या फिर डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, अधिवक्ता या आर्किटेक्ट इसके हकदार नहीं होंगे। पीएसपीसीएल ने घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 600 यूनिट बिजली सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए एक स्व-सत्यापित फॉर्म भरने के लिए कहा है।

फॉर्म में कहा गया है कि SC/BC/BPL/स्वतंत्रता सेनानी उपभोक्ता, जो मंत्री हैं या एक ही छत के नीचे रहने वाले उनके रिश्तेदार हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। महापौर या पूर्व महापौर और पूर्व पार्षद भी सब्सिडी के हकदार नहीं होंगे। पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी उपभोक्ता, चाहे उनकी जाति या वित्तीय पृष्ठभूमि कुछ भी हो हर दो महीने में 600 यूनिट मुफ्त बिजली पाने के पात्र हैं। यदि उनकी खपत 600 यूनिट से अधिक है तो उन्हें पूरा बिल देना होगा। हालांकि एससी, बीसी, बीपीएल या स्वतंत्रता सेनानी श्रेणियों के उपभोक्ताओं से केवल 600 यूनिट से अधिक की खपत वाली इकाइयों के लिए शुल्क लिया जाता है।

उन्होंने कहा, “उपभोक्ताओं की इस श्रेणी के 600-यूनिट की सीमा से अधिक होने के बाद उन्हें अनिवार्य घोषणा करनी होगी।” इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले पीएसपीसीएल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बिजली सब्सिडी जरूरतमंदों तक पहुंचे और सरकारी विशेष रियायत पाने वाले इसका दुरुपयोग न करें।’

क वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा वार्षिक सब्सिडी बिल 4,000 करोड़ रुपये था, लेकिन अब प्रति माह मुफ्त 300 यूनिट की घोषणा के साथ यह बढ़कर 7,200 करोड़ रुपये हो जाएगा। शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि पीएसपीसीएल अधिसूचना ने सरकार की एक और धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है।

अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि हालांकि समाज के एक छोटे वर्ग को इस योजना का लाभ मिल सकता है लेकिन वास्तविकता यह है कि बड़ी संख्या में लोग या तो सरकारी कर्मचारी हैं या पेंशनभोगी या फिर डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट या अन्य पेशेवर हैं।

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