कौन हैं ये अदनान सईद जिन्हें 23 साल बाद जेल से मिली आज़ादी, कैसे एक पॉडकास्ट ने बदल दी जजों की राय

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अदनान सईद 19 साल के थे जब उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा दी गई थी. यह सज़ा उन्हें गर्लफ़्रेंड की हत्या के मामले में दी गई थी. यह घटना साल 1999 की है जब हेय मिन ली का शव जंगल में दफ़्न कर दिया गया था. पिछले हफ़्ते इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने कोर्ट से अदनान की सज़ा ख़त्म करने के लिए कहा था. वक़ीलों की दलील थी कि कई साल से चल रहे इस मामले में उन्हें दो अलग-अलग संदिग्धों पर शक है.

अदालत के फ़ैसले के बाद सईद को घर पर नज़रबंद रखा जाएगा. अदनान अब 41 साल के हो चुके हैं. अदालत में सुनवाई के दौरान ही उनकी बेड़ियां उतार ली गईं. वो बीते 23 साल से जेल की सलाख़ों के पीछे क़ैद थे.

बाल्टीमोर सर्किट की जज मेलिसा फ़िन ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि वो इंसाफ़ और निष्पक्षता के लिए अदनान की सज़ा ख़त्म कर रही हैं. जज ने यह भी कहा कि सरकारी पक्ष ऐसा कोई भी सबूत को पेश नहीं कर पाया है जो ट्रायल के दौरान उसके दावे को मज़बूत कर सके.

जज मेलिसा फ़िन ने कहा है कि अदालत के फ़ैसले का मतलब यह नहीं है कि सईद बेगुनाह हैं. उन्होंने इस मामले पर नए सिरे से सुनवाई के आदेश दिए हैं.

सईद पर क्या थे आरोप?

साल 2000 में ज्यूरी ने सईद को पहले से सोच-समझ कर किए गए क़त्ल, अपहरण और डकैती का दोषी माना था. सरकारी वकीलों के मुताबिक़ सईद ली से प्रेम करते थे, लेकिन ली उनसे नफ़रत करती थी. वो दोनों एक स्कूल में क्लासमेट थे.

ज्यूरी ने माना था कि सईद ने गला दबाकर ली की हत्या की और अपने एक दोस्त की मदद से उनके शव को बाल्टीमोर के लीकिन पार्क में दफ़ना दिया. यह आरोप मोबाइल फ़ोन लोकेशन डेटा के आधार पर लगाया गया था.

इस मामले को लेकर बीते दो दशकों में सईद की हर अपील को ख़ारिज़ कर दिया गया. इसमें साल 2019 की सबसे ताज़ा अपील भी शामिल है.

लेकिन साल 2014 में एक पॉडकास्ट सीरियल ने पूरी दुनिया का ध्यान सईद के मामले की ओर खींचा. इस एपिसोड को क़रीब 34 करोड़ बार डाउनलोड किया गया. इस सज़ा को लेकर बाद में भी बहुत कुछ बना. टीवी चैनल HBO ने भी 2019 में इस पर सिरीज़ बनाई थी.

बाल्टीमोर का सरकारी अटॉर्नी ऑफ़िस इस मामले पर कई साल से नज़र बनाए हुए है. इस मामले को लेकर डिफ़ेंस अटॉर्नी ने बुधवार को कहा था कि सईद को नए सिरे से मामले की सुनवाई का अधिकार मिलना चाहिए.

सरकारी पक्ष ने कहा है कि इस मामले में सुनाई गई सज़ा उचित नहीं लगती और उन्होंने इस मामले में दो नए संदिग्ध की पहचान की है. पुलिस इस दोनों को साल 1990 से जान रही थी

इनमें से किसी भी संदिग्ध के नाम की जानकारी नहीं दी है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि दोनों पर महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा के कई मामले हैं. इन्हें ऐसे मामलों में सज़ा भी सुनाई जा चुकी है.

इसमें से एक संदिग्ध को तो लाई-डिटेक्टर टेस्ट में फ़ेल होने के बाद भी ली की मौत के मामले का अभियुक्त नहीं बनाया जा सका. दरअसल अमेरिका की कई अदालतों में लाई- डिटेक्टर टेस्ट के नतीजों को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता.

सबसे हिट पॉडकास्ट में से एक

अदालत के फ़ैसले के बाद सईद के बाहर निकलते वक़्त कैमरों और उनके समर्थकों की भीड़ जमा थी. भीड़ शोर मचाते हुए सईद का समर्थन कर रही थी.

अदालत के फ़ैसले के पहले ली के भाई योंग ली ने रोते हुए कहा कि वो जांच के ख़िलाफ़ नहीं हैं, लेकिन जांचकर्ताओं ने मामले को अंधरे में डाल दिया है

योंग ने कहा, ” मैं हर रोज़ सोचता हूं कि यह मामला अब ख़त्म हो गया है, लेकिन यह हमेशा लौटकर आ जाता है. यह मुझे मार रहा है. यह मेरे लिए कोई पॉडकास्ट नहीं है. यह रियल लाइफ़ है- 20 साल से चल रही एक अंतहीन कहानी.”

वहीं ली के पिता का कहना है कि अगर किसी और ने उनकी बेटी की हत्या की है तो वो जानना चाहते हैं कि आख़िर किसने ऐसा किया है.

इस हत्याकांड पर बन रहे पॉडकास्ट सीरियल का नया एपिसोड रिलीज़ हो गया है. यह सिरीज़ का 13वाँ एपिसोड है जो ताज़ा क़ानूनी मामलों पर आधारित है.


  • अमेरिकी अदालत ने हत्या के आरोप में 23 साल से कैद अदानन सईद को छोड़ा.
  • सईद पर अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या का आरोप था, यह घटना 1999 की है.
  • अदालत के फैसले के बाद भी सईद को घर पर नजरबंद रखा जाएगा.
  • 2014 में एक पॉडकास्ट सीरियल ने पूरी दुनिया का ध्यान सईद के मामले की ओर खींचा.
  • सिरीज ऑडियो फॉर्मेट में पिछले कई दशक के सबसे हिट पॉडकास्ट में से एक रहा है.
  • कुछ और हत्याकांडों पर भी पॉडकास्ट सिरीज बनाई गई हैं. इन मामलों पर भी बहस गर्म.

इस सिरीज़ ने पूरी दुनिया का ध्यान हेय मिन ली की हत्या के मामले की तरफ खींचा है. यह सिरीज़ ऑडियो फॉर्मेट में पिछले कई दशक के सबसे हिट पॉडकास्ट में से एक रहा है.

इस सीरियल के बाद कई और शोज़ भी बने हैं, जिनकी वजह से इस हत्या के मामलों में दी गई सज़ा पर कई तरह के सवाल किए जा रहे हैं.

ऐसे शो की वजह से ठंडे बस्ते में पड़े मामलों पर लोगों का ध्यान गया है. ऐसी कहानियां बड़ी संख्या में ऑडियंस को अपनी ओर खींचती हैं और शायद इससे न्याय प्रक्रिया पर भी असर पड़ा है.

इन्हीं में अमेरिका का एक पॉडकास्ट “इन द डार्क” शामिल है. यह एक काले अमेरिकी क्यूर्टिस फ्लावर्स को सुनाई गई सज़ा पर आधारित था. उन्होंने छह बार एक गोरे प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ एक ही अपराध करने की कोशिश की थी.

कई और मामलों पर बहस गर्म

क्यूर्टिस फ्लावर्स को 23 साल के बाद अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2019 में रिहा किया गया था. कोर्ट ने अपने आदेश में इस सज़ा को नस्लभेदी बताया था.

इसी तरह का एक क़ानूनी मामला एलिस्टर विल्सन की हत्या से जुड़ा हुआ था. साल 2004 में दो बच्चों के पिता एलिस्टर की हत्या उनके घर के दरवाज़े पर ही गोली मारकर की गई थी. यह मामला स्कॉटलैंड के नैर्न शहर का था.

इस पर बीबीसी ने 2018 में “द डोरस्टेप मर्डर” नाम से पॉडकास्ट बनाया था. इस हत्याकांड को पुलिस आज भी नहीं सुलझा पाई है, लेकिन इसी साल की शुरुआत में पुलिस ने कहा था कि संभवतः एक योजना को लेकर हुआ विवाद इस हत्या की वजह थी.

पिछले ही महीने एक ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को अपनी ही पत्नी की ग़ुमशुदगी के 40 साल के बाद पत्नी की हत्या का दोषी माना गया है.

अपराधों पर आधारित एक लोकप्रिय पॉडकास्ट का विषय बनाने के बाद क्रिस डाउसन पर 2018 में लीनेट की हत्या का मुक़दमा चलाया गया.

लीनेट डाउसन का शव पुलिस कभी नहीं ढूंढ पाई. इस पॉडकास्ट “द टीचर्च पेट” ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा और उसके बाद इस मामले में नए सिरे से जाँच शुरू हुई.

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