रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका संग पूरा पश्चिमी देश जेलेंस्की के समर्थन में आ गया। अमेरिका-नाट-ईयू मिलकर रूस के खिलाफ कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाये।
लेकिन, उलटा हुआ यह कि, इसका असर खुद उन्हीं पड़ गया। यूरोप में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। गैस, तेल, खाद्य पदार्थों से लेकर हर एक चीज के दामों में भारी वृद्धि आ चुकी है। अमेरिका और पश्चिमी देश इस जंग में यूक्रेन को पूरी तरह से मदद कर रहे हैं, चाहे हथियार देना हो या फिर आर्थिक रूप से। पुतिन ने भी साफ कहा था कि, जो भी यूक्रेन की मदद करेगा वो इस जंग में उसे लिप्त समझेंगे और आने वाले दिनों में उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। अब ऐसा लगता है कि, पुतिन ने ऐक्शन ले लिया है और इसमें सबसे पहले अमेरिका फंसा है। अमेरिका को रूस ने जो झटका दिया है उससे वो बौखला उठेगा।
अमेरिकी जासूस को रूस में शरण
दरअसल, अमेरिका जिसे वापस मुल्क लाना चाहता था उसे रूस ने नागरिकता दे दी है। इससे अमेरिका बौखला उठा है। ये कोई और नहीं बल्कि, पूर्व अमेरिकी खुफिया ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेन हैं जिन्हें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी नागरिकता प्रदान की है। 39 वर्षीय स्नोडेन 2013 में गुप्त फाइलों को लीक करने के बाद अमेरिका से भाग गए थे और उन्होंने रूस में शरण दी गई थी। अब सोमवार को राष्ट्रपति पुतिन द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश के अनुसार, स्नोडेन उन 75 विदेशी नागरिकों में शामिल रहे, जिन्हें रूस की नागरिकता प्रदान की गई है। यह आदेश एक सरकारी वेबसाइट पर साझा किया गया।
2013 से रूस में रह रहे हैं एडवर्ड स्नोडेन
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पूर्व ठेकेदार स्नोडेन (Edward Snowden) अमेरिका में अभियोजन का सामना करने से बचने के लिए 2013 से रूस में रह रहे हैं। स्नोडेन पर अमेरिका के सरकारी निगरानी कार्यक्रमों के विवरण वाले दस्तावेजों को लीक करने का आरोप है। स्नोडेन को 2020 में स्थायी निवास प्रदान किया गया था। उस समय स्नोडेन ने कहा था कि उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता को छोड़े बिना रूसी नागरिकता के लिए आवेदन करने की योजना बनाई है।
लीक कर दिया था NSA की खुफिया जानकारी
बता दें कि, उस दौरान स्नोडेन ने पूरी दुनिया के सामने अमेरिका की पोल खोल दी थी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के काले चिट्ठे लीक कर दिये थे। उन्होंने NSA के विशाल घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी कार्यों को दुनिया के सामने खोलकर रख दिया था। जिसके बाद से अमेरिकी अधिकारी चाहते थे कि, स्नोडेन जासूसी के आरोपों में आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए अमेरिका लौट आएं। पुतिन के इस कदम को अमेरिका को चिढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा हैं।