मराठी और हिंदी फिल्मों का जाना माना चेहरा, विक्रम गोखले का 23 नवंबर को 82 साल की उम्र में निधन हो गया है। इस खबर से हर कोई स्तब्ध रह गया लेकिन थोड़ी ही देर में ये साफ हो पाया कि विक्रम गोखले के निधन की खबरें केवल अफवाहें।
उनकी पत्नी और उनकी बेटी दोनों ही इन खबरों को खंडन कर रही हैं। उनकी पत्नी ने साफ किया कि उनके पति इस समय किसी उपचार का जवाब नहीं दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया में फैला है कि विक्रम जी की उम्र 82 साल है, जबकि उनकी उम्र अभी 77 साल है।
विक्रम गोखले केवल फिल्म ही नहीं बल्कि रंगमंच का भी जाना माना चेहरा हैं। विक्रम गोखले पिछले 15 दिन से पुणे के एक अस्पताल में भर्ती हैं और लगातार ज़िंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके निधन की अफवाहें इतनी तेज़ी से फैलीं कि उनके साथ हम दिल दे चुके सनम में काम करने वाले अभिनेता अजय देवगन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर दी थी।
हिंदी फिल्म दर्शकों को विक्रम गोखले के चेहरे के साथ उनकी आवाज़ में नंदिनी नाम भी दर्शकों के कानों में गूंज जाता है। संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम में विक्रम गोखले ने ऐश्वर्या राय के पिता और सलमान खान के गुरू की यादगार भूमिका निभाई है।
विक्रम गोखले कलाकारों के खानदान से हैं। उनके परनानी दुर्गाबाई कामत, भारतीय सिनेमा की पहली महिला एक्टर थीं। वहीं उनकी मां, कमलाबाई कामत, भारतीय सिनेमा की पहली चाइल्ड एक्टर थीं। उनके पिता चंद्रकांत गोखले भी मराठी फिल्म और रंगमंच के जाने माने कलाकार थे। विक्रम गोखले का जन्म 1945 में हुआ और उन्होंने सालों तक भारतीय सिनेमा में अपना योगदान दिया है।
सबसे यादगार किरदार
विक्रम गोखले के करियर का सबसे यादगार किरदार है संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम के पंडित दरबार। विक्रम गोखले का ये किरदार एक संगीत घराने का गुरू होता है जिससे शिक्षा लेने इटली से एक लड़का आता है। इस लड़के को पंडित जी की बेटी से प्यार हो जाता है और पंडित जी गुरू दक्षिणा में इस प्यार को मांगते हैं। फिल्म में विक्रम गोखले की आवाज़ और उनका किरदार दोनों ही दर्शकों की ज़ेहन में बसे हुए हैं। इसलिए उन्हें अक्सर सलमान खान के ऑन स्क्रीन गुरू या फिर ऐश्वर्या राय के ऑन स्क्रीन पिता के रूप में याद रखा जाता है।
1977 में की थी शुरूआत
विक्रम गोखले ने हिंदी फिल्मों में शुरूआत की थी साल 1971 में फिल्म परवाना के साथ। इस फिल्म में लीड रोल में थे अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा। धीरे धीरे, विक्रम गोखले हिंदी और मराठी फिल्मों में अपनी पहचान बना लगे। साथ ही उन्होंने रंगमंच का साथ कभी नहीं छोड़ा। लेकिन फिर भी कोई भी फिल्म ऐसी नहीं थी जहां विक्रम गोखले को याद रख लिया जाए। उनकी प्रतिभा की परख होने में इंडस्ट्री को काफी ज़्यादा समय लग गया।
फिल्मों के इंस्पेक्टर
फिर 90 का दशक ऐसा आया कि उन्हें हिंदी फिल्मों में पुलिस ऑफिसर की भूमिका के लिए तय मान लिया गया था। 1990 में अमिताभ बच्चन की फिल्म अग्निपथ में विक्रम गोखले इंस्पेक्टर गायकवाड का यादगार किरदार निभाया। इसके बाद खुदा गवाह, अकेला, धरम संकट जैसी फिल्मों में विक्रम गोखले सपोर्टिंग किरदारों में नज़र आते रहे। लेकिन उन्हें असली पहचान दिलाई 1999 में भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम ने।
छोटी सी यादगार भूमिका
2000 के दशक में विक्रम गोखले हिंदी फिल्मों का अहम हिस्सा बन गए। इस दौरान वो कई फिल्मों में हीरो या हीरोइन के पिता के रोल में नज़र आए। लेकिन तुम बिन की छोटी सी भूमिका में दर्शक उन्हें याद रख गए। इस फिल्म में विक्रम गोखले ने प्रियांशु और संदली के साथ काम किया था। अनुभव सिन्हा की इस फिल्म में विक्रम गोखले एक ऐसे पिता की भूमिका में नज़र आए थे जो कि अपने बेटे के निधन के बाद से मरणासन्न हो चुका है।
छोटी छोटी यादगार भूमिकाएं
हिंदी फिल्मों में विक्रम गोखले ऐसी ही छोटी छोटी मगर यादगार भूमिकाओं में नज़र आए। अक्षय कुमार के साथ भूल भुलैया में वो एक तांत्रिक की भूमिका में नज़र आए जो कि साइंस को भी उतना ही महत्त्व देता है। वहीं विक्रम गोखले मिशन मंगल में भी एक साइंटिस्ट की भूमिका में नज़र आए थे। उनकी आखिरी फिल्म है हाल ही में आई शिल्पा शेट्टी – अभिमन्यु दसानी की फिल्म निकम्मा।