सहारा इंडिया में जिन निवेशकों का पैसा फंसा है, उनके लिए एक राहत भरी खबर है। सेबी ने नियामकीय नियमों के उल्लंघन के एक मामले में सहारा समूह की कंपनी, इसके प्रमुख सुब्रत रॉय और अन्य को 15 दिन के भीतर 6.42 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति में उनकी परिसंपत्तियों की कुर्की होगी। सेबी ने कुछ महीने पहले जुर्माना लगाया था, जिसका भुगतान नहीं किए जाने पर अब यह नोटिस जारी किया गया है। सेबी ने हालिया नोटिस में पांचों को 15 दिन के भीतर 6.42 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया जिसमें ब्याज और रिकवरी शुल्क भी शामिल है।
सहारा से क्लेम लेने के लिए क्या करें
अगर आपका भी पैसा सहारा में फंसा है तो इसको वापस पाने के लिए आपको सेबी या कंज्यूमर हेल्पलाइन से बदद लेनी पड़ेगी। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे मोबाइल से शिकायत दर्ज करा सकते हैं और सेबी से क्लेम कर सकते हैं। बता दें सेबी (SEBI) ने एक दशक के दौरान सहारा इंडिया परिवार (Sahara India) की दो कंपनियों के निवेशकों को 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया है। री-पेमेंट के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
14 साल पहले सहारा के निवेशकों के साथ हुआ खिलवाड़! अब सुब्रत रॉय, कंपनी पर नया शिकंजा
सेबी से हेल्प लेने के लिए आपको उसके टोल फ्री नंबर 18002667575 या 1800227575 पर सुबह नौ बजे से शाम छह 6 बजे के बीच कॉल कर अपनी दिक्कतें बतानी होगी। इसके अलावा अगर आप सहारा से रिफंड लेने के लिए अपनी शिकायत दर्ज करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी।
- सबसे पहले आपको कंजूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट https://consumerhelpline.gov.in/ पर जाना है |
- फिर आपको यहां पर अपना एक अकाउंट बनाएं।
- इसके बाद आपको अपने यूजर आईडी से लॉगिन करें।
- लॉगिन होने के बाद आपको अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए
- जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करें।
- इसके बाद इस आवेदन को सबमिट करें।
- अब आपकी शिकायत दर्ज हो गई और आपको रजिस्ट्रेशन नंबर मिला होगा।
- यह रजिस्ट्रेशन नंबर आपको ईमेल आईडी पर भी भेज दिया जाएगा
- इसके बाद जल्दी आपकी शिकायत का निवारण कर दिया जाएगा।
बता दें बता दें सेबी ने जून में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (अब सहारा कमोडिटी सर्विसेस कॉरपोरेशन), सुब्रत रॉय, अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर कुल छह करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना वैकल्पिक पूर्ण-परिवतर्नीय डिबेंचर (ओएफसीडी) जारी करने संबंधी नियामकीय नियमों का उल्लंघन करने की वजह से लगाया गया था।