मुंबई । अभिषेक घोसालकर हत्या मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अभिषेक को गोली मारनेवाले मॉरिस नरोन्हा द्वारा रची गई साजिश की भनक उसके अंगरक्षक अमरेंद्र मिश्रा को पहले से ही थी। दोनों ने मिलकर रिवॉल्वर की गोलियां भी खरीदी थीं। प्रथम दृष्ट्या सबूतों के आधार पर स्पष्ट था कि अमरेंद्र ने ही मॉरिस को रिवॉल्वर भी खरीद कर दिया होगा। इसकी गहनता से जांच की जानी जरूरी है। इस तरह की टिप्पणी करते हुए सत्र न्यायालय ने अमरेंद्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
शिवसेना के पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर की गत आठ फरवरी को फेसबुक लाइव के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन पर गोलीबारी करनेवाले मॉरिस के अंगरक्षक अमरेंद्र मिश्रा को अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ ने दूसरे दिन नौ फरवरी को ही गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उसने सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। उस पर अभिषेक की पत्नी तेजस्वी घोसालकर ने हस्तक्षेप करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।
हत्या की साजिश से संबंधित सबूतों पर गंभीरता से विचार करते हुए सत्र न्यायालय राजेश ससाणे ने अमरेंद्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह पैâसला देते हुए कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणियां भी दर्ज की हैं।