मुंबई – महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था रामभरोसे ही चल रही है। इसकी ताजा तरीन तस्वीर यहां के एक मेडिकल अस्पताल के ट्रामा केयर सेंटर में दिखाई दी है। अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए एक ६२ साल के मरीज को स्ट्रेचर पर लेटा कर वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन डॉक्टर ने पांच घंटे तक इसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी। अंत में जब परिजनों ने पूछताछ की तो डॉक्टर ने मरीज की जांच की और बताया कि वह मर चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार, मरीज की पहचान वसंत इंगले के रूप में हुई है। परिजनों ने उसे शुक्रवार की रात यहां मेडिकल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया। यहां से मरीज को ट्रॉमा केयर सेंटर भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे स्ट्रेचर पर वेंटिलेटर लगा दिया। इसी बीच जब परिजनों ने डॉक्टरों से मरीज की हालत के बारे में पूछा तो उन्होंने जांच की। इसके बाद पता चला कि मरीज की मौत हो चुकी है। मरीज की मौत के बारे में परिजनों को बताते ही उन्होंने डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर गुस्सा जताया। परिजनों के मुताबिक, इलाज के दौरान इंगले को ट्रॉमा वॉर्ड में बेड नहीं मिला, इसलिए बाहर स्ट्रेचर पर वेंटिलेटर लगाया गया। परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज पर ध्यान नहीं देने के कारण उन्हें पता ही नहीं चला कि मरीज की मौत कब हो गई।
अनुमान है कि मरीज की मौत सुबह ६ से ७ बजे के बीच हुई। हालांकि, दोपहर दो बजे तक शव स्ट्रेचर पर ही पड़ा रहा। यहां डॉक्टरों को कागजी कार्रवाई करने का समय ही नहीं मिला। बाद में स्टाफ की मदद से शव को दोपहर २ बजे मेडिकल मुर्दाघर भेजा गया। शाम ६ बजे के बाद भी परिजनों को इंगले का शव नहीं मिला।