मुंबई – कोरोना काल के बाद जहां पर्यटन कारोबार ने रफ्तार पकड़ी थी, वहीं लोकसभा चुनाव के कारण इस पर ब्रेक लग गया है। गर्मी के अवकाश में पर्यटन जाने पर कई सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों ने दौरे रद्द कर दिए हैं। जिसके कारण पर्यटन के कारोबार में बीस से तीस प्रतिशत की गिरावट आई है। पर्यटन में गिरावट के बारे में पर्यटन से जुड़ी कंपनियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।
सरकार चुनावों में वोट देने के अधिकार का प्रयोग करने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। इसलिए मतदान केंद्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिसके कारण व्यवसायियों ने पर्यटन पर असर पड़ने की आशंका जताई है।
हिमाचल प्रदेश ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर अपनी चिंता जाहिर की है। हिमाचल प्रदेश में पहले चरण में चुनाव कराने की मांग हो रही है। हिमाचल प्रदेश अप्रैल, मई और जून के महीनों में एक पर्यटन स्थल है। जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, सिक्किम, मेघालय, त्रिपुरा, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, दार्जिलिंग, डलहौजी, मसूरी और अन्य नए राज्यों में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जाने लगी है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड आदि राज्य शामिल हैं। इस साल चुनाव के कारण पर्यटन कारोबार संकट में रहेगा। इस साल ६० प्रतिशत कारोबार होने की संभावना है।