कुमार ग्रुप में रानिल और पुरुष ग्रुप में अमर ज्योत टीम ने जीत हासिल की
मुंबई – शिवजन्मोत्सव कार्यक्रम समिति और गौरी शंकर क्रीड़ा मंडल, कुर्ला के सहयोग से मुंबई उपनगरीय कबड्डी एसोसिएशन की मंजूरी से छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के अवसर पर गांधी मैदान, कुर्ला पश्चिम में आयोजित कबड्डी टूर्नामेंट में पुरुष समूह में अमर ज्योत टीम और युवा समूह मेम रानिल कबड्डी टीम विजेता टीम बनी।
कुर्ला पश्चिम के गांधी मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराने का नेतृत्व करने वाले 92 वर्षीय डी.एम. (अन्ना) प्रभुदेसाई द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कबड्डी टूर्नामेंट की शुरुआत हुई। मैदान बचाव समिति के अध्यक्ष भास्कर सावंत, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, पूर्व नगरसेविका प्रवीणा मोरजकर, उत्सव समिति के दिलीप सराटे मास्टर, उमेश गायकवाड़, गणेश चिकने, विनायक गाढवे, विवेक चव्हाण, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अशोक खोत, इकबाल शिकलगार, संजय यादव, केशव शिंदे, शशिकांत लोखंडे, सत्यवान गवली, चेतन कोरगांवकर, धनंजय दलवी, मंगला नायकवाडी, डिंपल छेड़ा के साथ गौरीशंकर स्पोर्ट्स बोर्ड के मुख्य मार्गदर्शक विश्वास कांबले, अध्यक्ष अमित कांबले, रामचंद्र माने, प्रसाद भंडारकर, संजय घोलप, संजय घोणे, कैलास पाटिल, अरविंद दाभाड़े, चैतन्य जाधव, रूपेश प्रभाले, नीलेश घोलप और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इस प्रतियोगिता में कुल मिलाकर कुमार ग्रुप एवं प्रथम श्रेणी पुरूष ग्रुप की 16 टीमों ने भाग लिया। कुमार ग्रुप में फाइनल मुकाबला जयशंकर चौक कुर्ला और रानिल कबड्डी एसोसिएशन (घाटकोपर) के बीच हुआ। रानिल कबड्डी टीम घाटकोपर टीम विजेता रही। उन्होंने रु. 5000/- नकद के साथ अपना नाम शिव छत्रपति शिवाजी महाराज कप पर अंकित कर पुरस्कार जीता। जबकि कुमार ग्रुप में उपविजेता टीम जय शंकर चौक कुर्ला को 4000/- नकद और कप पुरस्कार के तौर पर मिला। प्रथम श्रेणी पुरुष वर्ग में भी अंतिम मुकाबला अमर ज्योत और शीतलादेवी कबड्डी टीम बीच में हुआ। इस कड़े फाइनल मुकाबले में अमर ज्योत कबडडी टीम ने शिवछत्रपति ट्रॉफी पर 8000 रुपए नगद के साथ अंकित किया। उपविजेता टीम शीतलादेवी कबडडी टीम को 6000 नगद ले साथ उपविजेता ट्रॉफी प्रदान की गई। प्रो-कबड्डी टूर्नामेंट के खिलाड़ी अजिंक्य खापरे की विशेष उपस्थिति में कप एवं पुरस्कार प्रदान किया गया। यह प्रतियोगिता सफल करवाने में प्रतीक गाढ़वे, विकास कांबले, नीलेश झंजे, अतुल चव्हाण, मुनाफ शेख ने कड़ी मेहनत की।