होली के रंग में महंगाई ने डाला भंग!

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पालघर – रंगों का त्योहार होली नजदीक आते ही समूचे देश का बाजार रंग-गुलाल और पिचकारियों से सज गया है। दुकानदार छोटा हो या व्यापारी, सभी त्योहारी खरीदारी को लेकर उत्साहित हैं। खास से लेकर आम आदमी तक होली के रंग में रंगने को तैयार है। लेकिन पिछले साल की ही तरह इस बार भी होली के रंग में महंगाई ने भंग डाल दिया है। अबीर से लेकर पिचकारी तक महंगाई ने सभी पर डाका डाला है। यही वजह है कि होली के त्योहारी रंग पर इस बार महंगाई का रंग चढ़ गया है। फिर चाहे वह रंग गुलाल हो या फिर खाने-पीने की सामग्री। खाद्य सामग्री के बढ़ते दाम एवं महंगाई के कारण होली के उत्साह पर असर देखा गया। सरसों का तेल, घी, रिफाइन सहित रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से मध्य व निम्न वर्गीय लोगों की परेशानी बढ़ी है। इससे होली पर इस बार लोगों को पकवान बनाने के लिए जेब और ढीली करनी पड़ रही है।

खाद्य पदार्थों के दाम में लगभग १० फीसदी उछाल आया है। बेसन के दाम बढ़कर ११० रुपए प्रति किलो हो गए हैं। तेल व डालडा के दाम भी बढ़े हैं। महंगाई की मार के चलते लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। मैदा भी ४५ रुपए प्रति किलो बिक रहा है। पालघर जिले में रंगों का पर्व होली उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन घरों में गुजिया, सेव, दही बड़ा, पकौड़ा समेत अन्य पकवान बनाए जाते हैं। इसके लिए खाद्य सामग्री मैदा, बेसन, तेल, चीनी, भूरा के साथ ही मूंग और उड़द की दाल की जरूरत होती है। लोग त्योहार की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वस्तुओं के बढ़े दाम उनकी जेब पर असर डाल रहे हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा वस्तुओं के दाम अधिक हो गए हैं। डालडा व सरसों का तेल अब १३० रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है और रिफाइन १२० रुपए लीटर तक बिक रहा है।

इसी प्रकार शक्कर के दाम ३८ रुपए प्रति किलो थे, जो अब ४० से ४३ रुपए प्रति किग्रा हो गए हैं। किराना दुकानदार महेश ने बताया कि होली में बाजार में थोड़ा उछाल आया है। बेहतर कारोबार की उम्मीद है।

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