मुख्तार का अंतिम सफर…घर के बाहर समर्थकों का हंगामा

0

गाजीपुर – मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार से पहले गाजीपुर स्थित कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, मुख्तार के घर के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ मौजूद है. वे लोग जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. हंगामा देख पुलिस इस समय अलर्ट मोड पर है. कब्रिस्तान के बाहर भारी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. कालीबाग कब्रिस्तान में सुबह 10 बजे उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. इस समय पूरा गाजीपुर किले में तब्दील हो रखा है.

यूपी के कोने-कोने से सुरक्षा की खातिर पुलिस को गाजीपुर बुलाया गया है. 25 पुलिस उपाधीक्षक, 15 एडिशनल एसपी, 150 इंस्पेक्टर्स, 300 सब इंस्पेक्टर्स, 10 आईपीएस और 25 एसडीएम समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस कर्मी इस समय गाजीपुर में हैं. इसके अलावा, गाजीपुर डीएम, डीआईजी, आईजी, एडीजी जोन, सीडीओ गाजीपुर, पीएसी की 10 बटालियन, आरएएफ, यूपी पुलिस के 5000 जवान और होमगार्ड के पांच हजार जवान इस समय सुरक्षा के लिए मोहम्मदाबाद में तैनात हैं.

गाजीपुर एसपी ओमवीर सिंह ने के मुताबिक मुख्तार अंसारी का अंतिम संस्कार आज सुबह 10 बजे पूरे रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा. उनका शव घर में मौजूद है. जहां अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं. कब्रिस्तान में इस समय आम लोगों को जाने की इजाजत नहीं है. सपी ने बताया कि पुलिस मुख्तार के परिजनों से लगातार संपर्क में हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पर्याप्त पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं. मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 900 मीटर की दूरी पर पुलिस तैनात की गई है.

समाजवादी पार्टी के विधायक और मुख्तार अंसारी के भतीजे मोहम्मद सुहैब अंसारी ने बताया कि अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है. आखिरी बार साभी लोगों को उन्हें देखने का मौका दिया जाएगा.बता दें, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. इसके बाद उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. देर रात उसका शव बांदा से गाजीपुर पहुंचा.

पिता की कब्र के ठीक सामने मुख्तार की कब्र
पिता सुबहानल्ला अंसारी की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी की कब्र खोदी गई है. उसके ठीक बगल में उसके माता जी की कब्र है. यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र भी हैं. मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए. मुख्तार अंसारी की कब्र की खुदाई का काम उनके भतीजे शोहेब अंसारी की निगरानी में किया गया. इस काम के लिए तीन हिंदू मजदूरों का बुलाया गया जिनके नाम संजय, गिरधारी और नगीना है. तीनों ही मुख्तार के बचपन के दोस्त हैं. उन्होंने कब्र खोदने को पैसे नहीं लिए. कहा कि मुख्तार के उन पर काफी एहसान हैं. इसलिए वो कब्र खोदने के पैसे नहीं लेंगे.

About Author

Comments are closed.

Maintain by Designwell Infotech