सुपुर्द-ए-खाक, सिर्फ परिवार वालों को मिली मिट्टी देने की इजाजत

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बांदा – मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, प्रशासन के द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई. यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है. बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम पूरा हुआ. मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है. पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है.

उत्तर प्रदेश के मऊ से पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, प्रशासन के द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई. बता दें कि मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया. बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद बेटे उमर अंसारी के साथ गाजीपुर लाया गया. मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है. पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है.

हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था. मुख्तार के पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था.

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