पुणे : डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में महाराष्ट्र के पुणे की एक विशेष अदालत शुक्रवार को फैसला सुनाया है। विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.ए. जाधव ने दो आरोपियों सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने इस केस के तीन आरोपियों को रिहा कर दिया है। 20 अगस्त 2013 को दाभोलकर की हत्या उस समय की गई थी, जब वह ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर पर निकले थे। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था। अगस्त 2015 से सीबीआई ने इस केस की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में शुरू की थी। दाभोलकर की हत्या के 11 साल बाद पुणे कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने बताया कि मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों जबकि बचाव पक्ष ने दो गवाहों से सवाल-जवाब किए। अभियोजन पक्ष ने अपनी दलील में कहा कि दाभोलकर अंधविश्वास के विरोधी थे, इसलिए आरोपियों ने उनकी हत्या की साजिश रची। 2013 में वारदात के बाद पुणे पुलिस ने इस केस की जांच की थी। बाद में बंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने तफ्तीश शुरू की। जून 2016 में सीबीआई ने सनातन संस्था से जुड़े डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े को गिरफ्तार कर लिया।