तेल अवीव – भारत और इजरायल के बीच करीबी दोस्ती दशकों पुरानी है। कारगिल जंग हो या गाजा युद्ध दोनों ही देशों ने एक-दूसरे की हर तरह से मदद की है। भारत और इजरायल हथियारों से लेकर संयुक्त राष्ट्र के मंच तक एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। इजरायल इन दिनों गाजा युद्ध में फंसा हुआ है और पिछले 8 महीने से भीषण लड़ाई चल रही है। अमेरिका से लेकर खाड़ी देश तक इजरायल और हमास से हमले रोकने और बंदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपने ‘विशेष दूत’ को इजरायल भेजा था ताकि मुस्लिमों के पवित्र रमजान के महीने में संघर्ष विराम को लागू किया जा सके। मित्र भारत के अनुरोध को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू मान गए और उन्होंने संघर्ष विराम को मंजूरी दे दी। आइए जानते हैं पीएम मोदी के खुलासे की पूरी कहानी….
पीएम मोदी ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने अभी गाजा में रमजान का महीना था तब अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा। इजरायल के पीएम और राष्ट्रपति सबसे मिलना था। मैंने कहा कि इन्हें समझाइए कि कम से कम रमजान में गाजा में बम न गिराएं और उन्होंने पालन करने का भरपूर प्रयास किया। आखिर आखिर में दो तीन दिन लड़ाई हो गई लेकिन मैंने विशेष दूत भेजा था। यहां तो मुझे आप मुस्लिमों को लेकर घेर लेते हैं लेकिन मोदी ने गाजा में रमजान के महीने में बम हमले को रुकवाया। लेकिन मैं इसकी पब्लिशिटी नहीं करता हूं।’
नेतन्याहू और अजीत डोवाल के बीच बैठक भी हुई थी। इस दौरान उन्होंने बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता के बारे में बात की थी। इससे पहले 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और 1200 लोगों की हत्या कर दी थी। यही नहीं उन्होंने 250 इजरायली लोगों को बंधक भी बना लिया था। अजीत डोवाल ने अपने इजरायली समकक्ष त्जाखी हानेगबी से भी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का इशारा इसी यात्रा की ओर था। इस यात्रा के दौरान अजीत डोवाल ने इजरायली नेतृत्व को रमजान में संघर्ष विराम के लिए मनाया।