मुंबई – महाराष्ट्र में बीजेपी-महायुति को लगेगा 20 सीटों का झटका? इन सभी सवालों का जवाब 4 जून को मिलेगा. लेकिन इन सबके बीच एक अहम मुद्दा यह उठ रहा है कि महाराष्ट्र का समर्थन किसे मिलेगा? भारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल वाले महाराष्ट्र में क्या होगा, इसे लेकर उत्सुकता है. राजनीतिक विश्लेषकों, चुनाव विश्लेषकों और सट्टेबाजों का भी अनुमान है कि महाराष्ट्र में बीजेपी और महागठबंधन को बड़ा झटका लगेगा. लेकिन, ऐसा क्यों हुआ इसके कारणों को जानना जरूरी है।
इस वक्त हर तरफ जो चर्चा चल रही है वो लोकसभा चुनाव के नतीजे को लेकर है. क्या दस साल से सत्ता पर काबिज मोदी दोबारा बनेंगे प्रधानमंत्री? क्या बीजेपी को मिलेगा स्पष्ट बहुमत? क्या एनडीए जीतेगी 400 सीटें? कांग्रेस और भारत गठबंधन का क्या होगा? ऐसे कई सवालों के इर्द-गिर्द चर्चा घूमती रही है. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले आए ओपिनियन पोल में कुछ राजनीतिक विश्लेषकों और विश्लेषकों ने महागठबंधन की सीटों में गिरावट की वजह एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस बताई है भविष्यवाणी की कि इन दोनों पार्टियों के महागठबंधन में होने से महागठबंधन की सीटें कम हो जाएंगी. लेकिन, अब मतदान के बाद राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि महागठबंधन को 20 सीटों का नुकसान होगा.
बीजेपी को झटका लगने का पहला कारण दस साल तक सत्ता में रहने से पैदा हुई सत्ता विरोधी लहर है. 10 साल तक सरकार में रहने के कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ लोगों में थोड़ी नाराजगी है. इसमें मुख्य रूप से महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों का जिक्र है. दूसरी बात यह है कि केवल उन्हीं सांसदों को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया जो कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में नाखुश थे। इसके विदर्भ और कुछ अन्य इलाकों पर असर पड़ने की आशंका है। क्योंकि चर्चा है कि अगर यहां नए चेहरे दिए जाते तो मौजूदा सांसद के खिलाफ नाराजगी कम हो जाती.