वॉशिंगटन – भारतीय वायु सेना के राफेल जेट पहली बार अमेरिका में लैंड हुए हैं। प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय अभ्यास रेड फ्लैग 24 में हिस्सा लेने के लिए राफेल लड़ाकू जेट अमेरिका पहुंचे हैं। यह एफ-16 फाइटिंग फाल्कन और एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों के साथ प्रशिक्षण ले सकते हैं। इस एक्सरसाइज को अपने उन्नत हवाई युद्ध प्रशिक्षण के परिदृश्य के लिए जाना जाता है। भारतीय वायुसेना के राफेल कुछ सबसे उन्नत अमेरिकी लड़ाकू जेट विमानों के खिलाफ हवाई युद्ध में शामिल होंगे। 30 मई को भारतीय वायुसेना ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका के अलास्का में ईल्सन वायु सेना बेस पर टुकड़ी के पहुंचने की घोषणा की।
इंडियन एयरफोर्स के मुताबिक दो सप्ताह के अभ्यास का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय वातावरण में एयरक्रू को एकीकृत करना, युद्ध की तैयारी और अमूल्य प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करना है। अमेरिका तक जाने के रास्ते में राफेल विमान ग्रीस और पुर्तगाल में रुके। इन विमानों के साथ हवा से हवा में ईंधन भरने वाला IL-78 और C-17 परिवहन विमान भी था। अमेरिका तक जाने के लिए राफेल ने महाद्वीपों को पार किया। 4 सिंगल और 4 ट्विन सीटर के साथ कुल 8 राफेल विमान रेड फ्लैग अभ्यास में भाग ले रहे हैं।