नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आते ही सियासी जानकार गुणा-गणित में जुटे हैं। इस बार बीजेपी ने जहां अपने दम पर 240 लोकसभा सीटें जीतीं, वहीं एनडीए को 293 सीटें मिलीं। ये 543 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े 272 से 20 सीट अधिक है। हालांकि, ये 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के विपरीत है। उस समय पार्टी ने अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा हासिल किया था। इस चुनाव के विश्लेषण से पता चलता है कि करीब 33 सीटें ऐसी हैं जहां मुकाबला बेहद करीबी रहा। अगर इन सीटों पर अतिरिक्त 6,26,311 वोट बीजेपी को मिले होते तो पार्टी अकेले ही बहुमत हासिल करने में सफल हो सकती थी।
चंडीगढ़ में बीजेपी 2504 वोटों के मामूली अंतर से हारी, वहीं उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अंतर मात्र 2,629 वोटों का था। यूपी के सलेमपुर में बीजेपी कैंडिडेट को 3,573 वोटों से हार झेलनी पड़ी। दूसरी ओर महाराष्ट्र के धुले में पार्टी को महज 3,831 वोट से शिकस्त का सामना करना पड़ा। यूपी के धौरहरा में 4,449 वोट से बीजेपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा भी कुछ और सीटें भी थीं, जहां जीत का अंतर व्यापक परिदृश्य में कम ही था। इसमें दक्षिण गोवा सीट है, जहां बीजेपी 13535 वोट से हार गई। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में 14,569 वोट, वहीं केरल के तिरुवनंतपुरम 16,077 वोट को शिकस्त का सामना करना पड़ा।