मुंबई – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव पर दांव खेला है। 2019 के विधानसभा चुनावों में भी भूपेंद्र यादव ही महाराष्ट्र के प्रभारी थे। तब बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं। पांच साल बाद एक बार फिर भूपेंद्र यादव को पुरानी भूमिका दी गई है, लेकिन राज्य में राजनीतिक हालात बिल्कुल बदल गए हैं। ऐसे में देखना होगा कि यादव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव के साथ कितने सफल हो पाते हैं? 2019 में बीजेपी ने प्रभारियों को नियुक्ति अगस्त में की थी। इस बार पार्टी ने पहले नियुक्ति कर दी है। इसकी वजह साफ है, क्योंकि बीजेपी राज्य में 23 लोकसभा सीटों से फिसलकर 9 पर आ गई है। महाराष्ट्र को बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण राज्य माना जा रहा है।
लोकसभा चुनावों में बीजेपी के सहयोगियों ने बहुत अच्छा परफॉर्म नहीं किया है। खासतौर पर अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का प्रदर्शन कमजोर रहा है। शिंदे कुछ हद तक अपनी साख बचाने में सफल रहे हैं। बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति में सबसे ज्यादा नुकसान भगवा दल को हुआ है। राज्य में लोकसभा सीटें जीतने के मामले में कांग्रेस शीर्ष पर है। उसे 13 सीटें मिली हैं। महाविकास आघाडी (एमवीए) को कुल 31 (निर्दलीय विशाल पाटिल के साथ) सीटें मिली हैं। इसमें शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9 और शरद पवार को एनसीपी को 8 सीटें शामिल हैं। ऐसे में 2019 की जीत के हीरो रहे भूपेंद्र पटेल के सामने फिर करिश्मा करके हुए बीजेपी को कमबैक कराने की बड़ी चुनौती है।