लद्दाख – पड़ोसी मुल्क चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन दिन पर दिन पूर्वी लद्दाख में अपनी पैठ को मजबूत करने में लगा हुआ है. चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से खुदाई भी कर रही है. एक नई सैटेलाइट तस्वीर ने चीन की गुस्ताखी से पर्दा उठा दिया है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन पैंगोंग त्सो में 2020 के संघर्ष बिंदु से सिर्फ 17 किलोमीटर दूर बैरकों और दोहरे उपयोग वाले सैन्य गांवों के आसपास अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है.
ड्रैगन जिस इलाके में अपनी स्थिति को मजबूत करने में लगा हुआ है उसी इलाके में चीनी सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) एक मिलिट्री बेस भी हैं. दावा किया जाता है कि मिलिट्री बेस में चीन की सेना अंडरग्राउंड बंकर बना रखी है. इन बंकर का इस्तेमाल हथियार रखने, ईंधन और बख्तरबंद वाहनों के लिए समय आने पर शेल्टर्स को स्टोर किया जा सके. ये भी सच है कि यह पहला मौका नहीं है जब पैंगोंग झील के पास चीन की गतिविधि बढ़ी है. एलएसी पर चीन और भारत के बीच तनाव 2020 से ही बरकरार है.
पैंगोंग झील के एक तरफ भारत की फौज है तो दूसरी तरफ चीन की पीएलए आर्मी तैनात है. गतिरोध को खत्म करने के लिए सैन्य स्तर पर कई दफे की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन दोनों देशों के बीच बात अभी तक बन नहीं पाई है. दोनों देशों के बीच गतिरोध पर होने वाली बातचीत पर विराम लग गया हो ऐसा भी नहीं है. पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर पहाड़ों के बीच पीएलए का सिरजाप मिलिट्री बेस भी मौजूद है. इस बेस को पैंगोंग झील के आसपास तैनात चीनी सैनिकों का हेडक्वार्टर कहा जाता है. हैरानी की बात तो यह है कि चीन ने अपना यह मिलिट्री बेस उस जगह पर बनाया है, जिस पर भारत का दावा है. बेस और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के बीच में बस कुछ ही किलोमीटर की दूरी है. मई 2020 में LAC पर गतिरोध शुरू होने तक ये इलाका इंसानों की बसावट वाला नहीं था.