– अशोक लीलैंड करेगा 600 करोड़ का निवेश, मुख्यमंत्री की उपस्थिति में हुआ करारनामा
– जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 67 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन
भोपाल – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, रक्षा संस्थान के लिए टैंक निर्माण, फार्मा क्षेत्र और पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग प्रारंभ किये जाएगे। उन्होंने कहा कि जबलपुर में टेक्सटाइल क्षेत्र में अति आधुनिक स्किल सेंटर की शुरुआत की जायेगी, जिससे विशेष रूप से महिलाओं को रोजगार प्राप्त होगा।मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने उद्योगों से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। कॉन्क्लेव में देश-विदेश के अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में प्रदेश की 29 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और 38 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया। प्रदेश के विभिन्न 10 स्थान से जन-प्रतिनिधि लोकार्पण और भूमि पूजन कार्यक्रम से जुड़े। इनमें कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 4500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। औद्योगिक इकाइयों को आशय पत्र सौंपे गए, जिससे करीब 12 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 340 एकड़ भूमि के आवंटन के लिए आशय-पत्र सौंपे गये। कॉन्क्लेव में आईटी, आईटीईएस एवं ईएसडीएम पॉलिसी 2023 का विमोचन भी किया गया।
कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 600 करोड़ रुपये के निवेश के लिए अशोक लीलैंड और आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के बीच करारनामा हुआ। यह रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में दुनिया में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में रक्षा संस्थान के लिए अब तक तोप निर्माण का कार्य होता रहा है। अब यहां सेना के लिए टैंक भी बनाये जाएगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 16 औद्योगिक पार्क के माध्यम से कुल 517 लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों द्वारा पौने छ: हजार करोड़ का निवेश किया गया। जिसका लाभ 20 हजार लोगों को रोजगार देने के रूप में मिला है। आज 67 औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन एक महत्वपूर्ण समेकित प्रयास है। इस कार्यक्रम से प्रदेश के 10 स्थानों से मंत्री, सांसद, विधायक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कॉन्क्लेव में अनेक विभागों ने उद्योग हितैषी नीतियों की जानकारी दी है। खनिज के क्षेत्र में उड़ीसा के बाद मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान पर है। खदानों की नीलामी में मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया देश में अग्रणी मानी गई है। इसके लिये भारत सरकार द्वारा पुरस्कार भी प्रदान किया गया। प्रदेश में हीरा उत्पादन तो होता है, अब हीरों को तराशने का कार्य भी किया जायेगा।
उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश आने का आमंत्रण
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से आह्वान किया कि वे मध्यप्रदेश आएं। उन्होंने कहा कि श्रम के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश में प्रोत्साहनकारी नीतियां हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक नए कार्य हो रहे हैं। प्रदेश में सघन वन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में भी संभावनाओं को साकार किया जायेगा। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में 275 इकाइयां कार्य कर रही हैं। अकेले पीथमपुर में 60 इकाइयां हैं। हमारे प्रदेश से 160 से अधिक देशों को फार्मा प्रोडक्ट निर्यात किये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 150 प्रतिशत प्रोत्साहन के लिये हम तैयार हैं। प्रदेश में उद्योगों को पानी और बिजली की आपूर्ति पर विशेष राहत प्रदान की गई है। दो मेगा फूड पार्क आ रहे हैं। पहले से आठ फूड पार्क संचालित है। ऐसी इकाइयों की संख्या निरन्तर बढ़ाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने वोल्वो आयशर के एमडी से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में रिसर्च सेंटर भी प्रारंभ करें। मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में उद्योगों के विकास से संबंधित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। जबलपुर हाट के अंतर्गत विभिन्न लघु उद्योग इकाइयों और व्यवसायियों द्वारा उत्पाद सामग्री का विवरण प्रदर्शनी में दिया गया।
उद्घाटन सत्र के प्रारंभ में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने विभिन्न उद्योगपतियों का स्वागत किया। उपस्थित अतिथियों में अडानी पावर, नेटलिंक, वैद्यनाथ ग्रुप, दावत फूड्स, वोल्वो आयशर, एवीएनएल, एनसीएल, स्वराज शूटिंग, लोहिया एनर्जी, आदिशक्ति राइस मिल, फिनिक्स पोल्ट्री, इनफोविजन दुबई और दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स (डिकी) सहित अन्य अनेक उद्योग संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।
कॉन्क्लेव के शुभारम्भ अवसर पर अतिथियों का स्वागत कर मध्यप्रदेश की विशेषताओं पर केंद्रित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में चार हजार से ज्यादा निवेशक जुटे। निवेश के लिए उद्यमियों से वन-टू-वन चर्चा भी हुई। कॉन्क्लेव में पांच सेक्टर्स एग्रो, माइंस, डिफेंस, टूरिज्म और गारमेंट्स उद्योग पर फोकस किया गया।