हुगली, 03 सितंबर। पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एक ओर जहां दुष्कर्म विरोधी विधेयक पारित किया गया तो वहीं दूसरी तरफ आरामबाग महकमा अदालत ने तकरीबन तीन साल पहले हुए दुष्कर्म के मामले में कड़ी सजा का ऐलान किया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपित पीड़िता का रिश्तेदार है जो वर्ष 2021 में नाबालिग के घर राजमिस्त्री का काम करने गया था। आरोप है कि इसी दौरान उसने नाबालिग के साथ कई बार दुष्कर्म किया। हालांकि शुरुआत में नाबालिग ने डर के मारे घटना की जानकारी घर पर नहीं दी थी। लेकिन, कुछ ही दिनों में वह गर्भवती हो गई। इसके बाद पीड़ित परिवार ने आरामबाग थाने में आरोपित के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी। उस शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसे गोघाट थाना इलाके से गिरफ्तार कर लिया। तभी से सुनवाई चल रही थी। तीन साल की लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। आरामबाग महकमा अदालत के न्यायाधीश कृष्ण अग्रवाल ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट के फैसले से पीड़ित परिवार स्वाभाविक रूप से खुश है। इस दिन राज्य सरकार ने विधानसभा में सख्त दुष्कर्म विरोधी विधेयक पारित किया।
नाबालिग की मां का कहना है, ”मेरे पति की काफी पहले मौत हो गई थी। मैं एक विधवा हूं। किसी तरह परिवार चलता है। इसी बीच वो लड़का हमारे घर काम करने आया। तभी उसने लड़की के साथ गलत काम किया। फिर उसने लड़की को धमकाया और कहा कि अगर तुमने घटना के बारे में किसी को बताया तो मैं तुम्हारी मां को मार डालूंगा और चला जाऊंगा। बाद में मुझे पता चला कि उसका ठहर गया है। बाद में वे मामले को दबाने के लिए मुझे भुगतान करना चाहते थे। लेकिन मैं सिर्फ उसकी सज़ा चाहती थी।