सिंगापुर/नई दिल्ली, 05 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर में निवेश कोष, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, ऊर्जा, स्थिरता और रसद सहित उद्योग जगत के शीर्ष नेताओं और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के एक समूह के साथ बातचीत की। उन्हें भारत में निवेश और नवाचार को आकर्षित करने के लिए चल रहे विभिन्न सुधारों के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम में सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री गन किम योंग और गृह मामलों और कानून मंत्री के शानमुगम ने भाग लिया।
भारत में निवेश की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में सिंगापुर के उद्योग जगत के नेताओं द्वारा निभाई गई भूमिका को स्वीकार किया। भारत के साथ उनके सहयोग को और सुविधाजनक बनाने के लिए, प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में इन्वेस्ट इंडिया कार्यालय की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने आगे कहा कि भारत-सिंगापुर संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने से द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि भारत ने पिछले दस वर्षों में परिवर्तनकारी प्रगति की है और राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत पूर्वानुमान, व्यापार करने में आसानी और सुधारोन्मुखी आर्थिक एजेंडे की अपनी ताकत को देखते हुए यह इसी राह पर आगे बढ़ता रहेगा। अगले कुछ वर्षों में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। भारत की प्रभावशाली विकास कहानी, इसके कुशल प्रतिभा पूल और विस्तृत बाजार अवसरों की बात करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में 17 प्रतिशत योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के बारे में बात की। उन्होंने व्यवसाय जगत के नेताओं से कौशल विकास के क्षेत्र में भारत में अवसरों को देखने का आह्वान किया।
लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश कर रहे व्यवसायों के लिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी ताकत को देखते हुए सबसे अच्छा विकल्प है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि भारत अपने तीसरे कार्यकाल में बुनियादी ढांचे के विकास की गति और पैमाने को बढ़ाएगा और सीईओ को रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नागरिक उड्डयन, औद्योगिक पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए अवसरों से अवगत कराया।
प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं को भारत में निवेश के अवसरों पर विचार करने तथा देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।