प्रोफेसर प्रदीप महापात्र की पत्रकारिता के लिए मार्गदर्शन पुस्तक का विमोचन, वक्ताओं ने कहा -आज के डिजिटल दौर में फर्जी‌ खबरों से बचना बड़ी चुनौती

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कोलकाता, 7 सितंबर‌ । कोलकाता प्रेस क्लब में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के बेरहमपुर में स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन विश्वविद्यालय के दिवंगत प्रोफेसर डॉ. प्रदीप महापात्र की नई पुस्तक का विमोचन हुआ। इस पुस्तक को पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले नए छात्रों के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रोफेसर महापात्र, प्रोफेसर मृणाल चटर्जी के रिसर्च गाइड भी रहे हैं। प्रोफेसर चटर्जी ने दिवंगत प्रोफेसर महापात्र की अपने लंबे समय से संजोए सपने को साकार किया और उनकी पुस्तक को कोलकाता में प्रकाशित करने की इच्छा पूरी की। प्रोफेसर डॉक्टर मृणाल चटर्जी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन के रिजिनल डायरेक्टर हैं।

इस अवसर पर मृणाल चटर्जी ने कहा कि, “डिजिटल प्लेटफॉर्म और एआई तकनीक के साथ स्वतंत्र न्यूज़ प्लेटफॉर्म का विकास हो रहा है। सोशल मीडिया के कारण गलत जानकारी तेजी से फैलती है। इसलिए, पत्रकारिता में सच और झूठ के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है।”

मृणाल चटर्जी ने आगे कहा, “सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लोगों तक तेजी से पहुंच रहे हैं और यह समाज के लिए प्रेरणा और चिंता दोनों का विषय है। ई-गेमिंग भी तेजी से बढ़ रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि, “समाज का एक बड़ा हिस्सा पौष्टिक भोजन की बजाय स्वादिष्ट खाने की ओर झुक रहा है। क्योंकि उन्हें पैसे बचाने हैं और हो सकता है कि गेमिंग प्लेटफार्म पर जाकर गेम खेलते हैं। लोग सोचते हैं कि जो खबरें मिल रही हैं, वो किसी न किसी उद्देश्य से परोसी जा रही हैं। कॉर्पोरेट मीडिया का हस्तक्षेप बढ़ रहा है और 90 के दशक के बाद से नीतिगत स्तर पर नियंत्रण की आवश्यकता महसूस होने लगी है।”

साप्ताहिक स्तंभकार सुबीर घोष ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और कोरोना के बाद के समय में मीडिया में आने वाले संभावित बदलावों पर अपनी राय रखी।

कोलकाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार स्नेहाशीष सुर ने कार्यक्रम का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापन किया।

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