जम्मू, 22 सितंबर । कांग्रेस पार्टी की भारत विरोधी मानसिकता अब देश के सामने आ चुकी है और राहुल गांधी की हालिया संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान उनके द्वारा दिए गए कई भारत विरोधी बयान इसका प्रमाण है। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाला देश विरोधी गठबंधन अपने घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा कर चुका है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए 890 केंद्रीय कानूनों को पलट कर फिर से जम्मु-कश्मीर के वही पुराने हालात करेगी, जहां आए दिन आतंकी घटनाएं होती थी और राज्य में अलगाववादी भावना चरम पर थी।
क्या अब यह ऐसे कानूनों को भी समाप्त करेंगे जो प्रदेश के लोगों को बच्चों की शिक्षा की गारंटी देते हैं, और किसानों को भूमि अधिग्रहण के दौरान उचित मुआवजे का अधिकार देता हैं?
उमर अब्दुल्ला की लगातार यू-टर्न दिखाते हैं, साफ जाहिर है कि वह पूरी तरह से डरे हुए हैं। पहले विधानसभा चुनावों में हिस्सा न लेने का फैसला और फिर दो सीटों से चुनाव लड़ने का निर्णय, पहले जमात का समर्थन और अब उसका विरोध—इन सबके कारण उन्हें डोगरी में ” बतोये दा” (मिस्टर कन्फ्यूज्ड) कहा जाने लगा है।
जम्मू -कश्मीर के आवाम अब समझ चुकी है कि भाजपा वहां शांति स्थापित करने व विकास के मार्ग खोल सकती है और कांग्रेस पार्टी और उसका गठबंधन साझेदार नेशनल कांफ्रेंस अपनी इस भारत विरोधी मानसिकता का खामियाजा भुगतेगा। इस बार जम्मू के मतदाता कांग्रेस व उसके गठबंधन सहयोगियों को सबक सिखाने का काम करेंगे।