मुंबई, 14 अक्टूबर,। विरार पूर्व के चंदनसार में स्वराज अभियान की पहली संकल्प सभा में धनंजय गावड़े ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया और बहुजन विकास आघाड़ी (बविआ) को चुनौती दी। संस्था अध्यक्ष गावड़े ने लोगों से यहां की अहंकारी सत्ता को उखाड़ फेंकने की अपील की। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वसई में 1989 में बहुत आतंक और गुंडई थी। उसी आतंक का इस्तेमाल कर बविआ प्रमुख हितेंद्र ठाकुर ने पहला चुनाव जीता। इसके बाद से वसईकरों और मतदाताओं में भारी उदासीनता बनी हुई है। यह ठाकुर ही हैं, जिन्होंने यहां भ्रष्ट व्यवस्था बनाई है और अहंकार में डूबे हुए हैं। वसई में मजबूत विपक्ष की कमी महसूस की जा रही है। दुर्भाग्य से, विपक्षी नेता और पार्टियां असंगठित हैं।
गावड़े ने कहा कि वसई में जिला परिषद के अधिकांश स्कूल भवन नष्ट हो गए हैं। कुछ विद्यालय वर्तमान में किसी मंदिर या किसी के घर में संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में गरीबों के बच्चे कहां पढ़ें? स्कूलों के लिए भवन बनाने के बजाय शासकों ने यह शर्त लगाकर गरीबों को शिक्षा से वंचित कर दिया है कि वे जमीन पर कब्जा करें और फिर निर्माण करें। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गावड़े ने कहा कि वसईकरों ने सत्ता बविआ को सौंप दी। 2009 तक बीस साल बविआ विधायकों के पास नगर पालिकाओं, ग्राम पंचायतों, जिला परिषदों, पंचायत समितियों की शक्ति थी। लेकिन, वसई का विकास होने के बजाय पतन हो गया है। शहर में खेल के मैदान, अस्पताल, स्कूल, नागरिक सुविधाएं नहीं हैं। वसई विरार मनपा की विकास योजना में विभिन्न विकास कार्यों के लिए आरक्षित भूखंड शासकों द्वारा बेच दिए गए हैं। अनधिकृत निर्माण से लोग परेशान हैं। प्रशासन इसे रोकने में फेल साबित हो रहा है।
गावड़े ने कहा कि प्रशासन शासकों के सेवक की तरह व्यवहार कर रहा है, जिससे विकास कार्य बाधित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा में किसी को भी वोट दें। पर, वसई को बर्बाद करने वाली बविआ को वोट न दें। वसई हमारी है, वसई ने हमें पहचान दी, प्रतिष्ठा दी। इस वसई को विनाश से बचाने के लिए अहंकारी सत्ता को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। स्वराज अभियान के कार्याध्यक्ष प्रिन्स सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. प्रकाश वायदंडे, उपाध्यक्ष प्रवीण गायकवाड आदि ने सभा का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर संकल्प सभा के आयोजक विरार शहर प्रमुख नितेश पाटील व विरार युवा आघाडी संघटक श्रेयश म्हात्रे ने सभी का आभार माना। इस माैके पर सभा में स्वराज अभियान से जुड़ने वाले विभिन्न दलों और संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का स्वागत किया गया।