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शरद पवार ने संसदीय राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया

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मुंबई, 05 नवंबर । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को संसदीय राजनीति से संन्यास लेने का इरादा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके राज्यसभा के कार्यकाल का डेढ़ साल बचा है, इसलिए अब मुझे दोबारा राज्यसभा में जाने के लिए सोचना होगा। पार्टी के भीतर नया नेतृत्व तैयार करना जरूरी है, इसलिए उन्होंने यह पहल खुद से करने का निर्णय लिया है।

बारामती विधानसभा में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार युगेंद्र पवार की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि उन्होंने 1967 से संसदीय राजनीति शुरू की और इसी क्षेत्र से विधायक बने थे। मैं तीस साल बाद अजीत पवार को इस क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपकर केंद्रीय राजनीति में चला गया था। शरद पवार ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा दोनों जगह कुल मिलाकर मैंने 14 बार चुनाव लड़ा और आप लोगों ने मुझे घर नहीं बिठाया। मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय पहले ही ले लिया था। राज्यसभा का कार्यकाल डेढ़ साल का बचा है, इसलिए मुझे दोबारा राज्यसभा में जाने के लिए सोचना होगा।

बारामती विधानसभा क्षेत्र में राकांपा एपी की ओर से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार चुनाव लड़ रहे हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले जब यहां लोकसभा का चुनाव लड़ रही थी, तब अजीत पवार ने सुप्रिया सुले के सामने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था, लेकिन सुप्रिया पवार चुनाव जीत गई थी। बारामती विधानसभा क्षेत्र में सुप्रिया सुले को 48 हजार वोट की बढ़त मिली थी। बारामती लोकसभा की सीट पर ननद-भाभी के बीच लड़ाई की वजह पूरे देश की निगाहें इस सीट पर थीं। इसी तरह बारामती विधानसभा सीट पर इस समय अजीत पवार और युगेंद्र पवार की लड़ाई भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इसका कारण युगेंद्र पवार उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के सगे भतीजे हैं और दादा शरद पवार उनका समर्थन कर रहे हैं।

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