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फेंजल चक्रवात चेन्नई से 90 किमी दूर, तीन-चार घंटे में कराईकल और महाबलीपुरम पहुंचने का अनुमान

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नई दिल्ली, 30 नवंबर । चक्रवात फेंजल मौजूदा समय में महाबलीपुरम (तमिलनाडु) से लगभग 50 किमी दक्षिण-पूर्व, पुडुचेरी से 60 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व और चेन्नई से 90 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह करीब 7 किमी प्रति घंटा की गति से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि अगले तीन से चार घंटों के दौरान यह पुडुचेरी के पास कराईकल और महाबलीपुरम के बीच पहुंचेगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान “फेंजल” पिछले 6 घंटों के दौरान 7 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। भारतीय समय के अनुसार आज शाम 05.30 बजे यह उत्तरी तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में 12.2 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 80.3 डिग्री पूर्वी देशांतर के पास केंद्रित था, जो तट से लगभग 40 किमी दूर, महाबलीपुरम से 50 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व, पुडुचेरी से 60 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व और चेन्नई से 90 किमी दक्षिण में है।

आईएमडी ने कहा कि नवीनतम अवलोकनों से संकेत मिलता है कि चक्रवात से जुड़े स्पाइरल बैंड का आगे का क्षेत्र जमीनी इलाके में दाखिल हो चुका है। अगले 3 से 4 घंटों के दौरान इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने तथा पुडुचेरी के निकट कराईकल और महाबलीपुरम के बीच उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी तटों को पार करने की संभावना है, तथा हवा की गति 70-80 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 90 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

उसके बाद तेज हवा के साथ और बारिश होगी, जिससे नुकसान होने की आशंका है। हालांकि शासन और प्रशासन ने सम्बन्धित इलाकों में पहले से ही एहतियाती उपाय किया है। 164 परिवारों के 471 लोगों को तिरुवल्लूर और नागपट्टिनम जिलों में छह राहत केंद्रों में ले जाया गया है। किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में, नावें, जनरेटर, मोटर पंप और आवश्यक उपकरण तैयार कर लिए गए हैं और एनडीआरएफ, राज्य बचाव दल को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मछुआरों को समुद्र में जाने के लिए मनाही है।

चक्रवात फेंजल के कारण हुई भारी बारिश के बाद शनिवार को चेन्नई और उसके आस-पास के इलाकों में अस्पताल और घर जलमग्न हो गए जबकि नागरिक अधिकारियों ने कहा कि सफाई का काम ‘युद्ध स्तर’ पर किया जा रहा है। तेज हवा के कारण बैरिकेड और छतरियां उड़ गईं और सड़क पर चलने वाले लोग बारिश के कारण छिपने के लिए इधर-उधर भागने लगे। चक्रवात फेंजल शनिवार को तटरेखा के करीब पहुंच गया, जिससे चेन्नई और उसके आसपास के कई इलाके जलमग्न हो गए।

क्रोमपेट में दो सरकारी अस्पतालों, एक सामान्य अस्पताल और एक थोरेसिक मेडिसिन सुविधा के परिसर में बारिश का पानी घुस गया। अस्पताल के अंदर टखने तक पानी भर गया है। इससे उपचार के लिए आने वाले मरीजों और डॉक्टर मुश्किल का सामना कर रहे हैं। पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने प्रवेश बिंदुओं पर रेत की बोरियां रखीं और कहा कि समस्या के समाधान के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

हस्तिनापुरम-तिरुमलाई नगर जैसे उपनगरीय इलाकों में बारिश का पानी घरों में घुस गया और निवासियों को रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खराब होने से बचाने के लिए चारपाई या मेजों पर रखना पड़ा। बारिश से संबंधित एक घटना में चेन्नई में एक प्रवासी श्रमिक की करंट लगने से मौत हो गई।

चेन्नई एयरपोर्ट को आज दोपहर को ही उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं रेल और सड़क यातायात पर भी असर पड़ा है। लोगों ने 2015 की बाढ़ के दौरान जो कुछ झेला था, उसे दोहराने से बचने के लिए फ्लाईओवर और उनके नीचे की जगहों को पार्किंग स्थल के रूप में इस्तेमाल किया। बारिश और अधिक मात्रा में पानी के प्रवाह को देखते हुए चेम्बरमबक्कम जैसे जलाशय समुद्र की तरह लग रहे हैं।

65-73 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तेज हवाओं के कारण, एमआरटीएस सेक्शन में चेन्नई बीच और वेलाचेरी के बीच उपनगरीय सेवाएं 12:15 बजे से निलंबित कर दी गईं। रेलवे ने यात्रियों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, कम्युनिकेशन कंट्रोल के नम्बर 044-25330952, 044-25330953, सेंट्रल – 044-25354140 और 22277, एग्मोर – 9003161811, ताम्बरम – 8610459668, चेंगलपट्टू – 93459621|13 और पेरम्बूर – 9345962147 हैं।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने आधुनिक नियंत्रण केंद्र में चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा की, भारी बारिश से प्रभावित जिला कलेक्टरों से बातचीत की और उन्हें राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जिलों में राहत शिविर चालू हैं, जहां भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी जिलों में तैनात हैं। अभी तक किसी भी जिले से कोई बड़ी क्षति की खबर नहीं है और सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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