भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने सालों बाद रणजी ट्रॉफी में कदम रखा। मुंबई से खेलते हुए रोहित कुछ खास नहीं कर पाए और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ पहली पारी में वह बुरी तरह से फेल हो गए। उनका विकेट लिया युवा तेज गेंदबाज उमर नजीर मीर ने। लेकिन मीर ने इस विकेट का जश्न नहीं मनाया।
रोहित जैसे बड़े खिलाड़ी का विकेट मिलना किसी भी युवा गेंदबाज के लिए बड़ी बात है और इसके बाद उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। खुशी में गेंदबाज का जश्न मनाना लाजमी है लेकिन मीर ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया। रोहित जब पवेलियन लौटे तो मीर चुप-चाप थे।
ग्रुप-ए के मैच में मुंबई की टीम का स्कोर चार विकेट के नुकसान पर 41 रन था। रणजी का खिताब सबसे ज्यादा बार जीतने वाली मुंबई का ये हाल मीर की गेंदबाजी के कारण हुआ था। रोहित के अलावा उन्होंने मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे, शिवम दुबे और हार्दिक तामोर को पवेलियन भेजा था। हालांकि, रोहित का विकेट मीर के लिए कीमती विकेट था फिर भी उन्होंने जश्न नहीं मनाया।
मीर ने दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, “अच्छी गेंद अच्छी होती है चाहे सामने कोई भी खिलाड़ी क्यों न हो। आप खिलाड़ी की हैसियत को नहीं देखते हैं, लेकिन रोहित शर्मा का विकेट बड़ा विकेट था। मैं इससे खुश हूं। मेरे दिमाग में सबसे पहले ये बात आई, मैंने जश्न नहीं मनाया क्योंकि मैं रोहित का फैन हूं। अगर हम जीत भी जाते हैं तो ये हमारे लिए गर्व की बात होगी क्योंकि इस मैच में भारतीय कप्तान खेल रहे हैं।”
गेंद को मूव कराने के अलावा नजीर ने सही लाइन-लैंग्थ पर गेंद डालने का काम किया और इससे उसे फायदा भी हुआ। उन्होंने कहा, “जब आप एक इंटरनेशनल खिलाड़ी को आउट करते हैं तो ये हमेशा से कीमती विकेट होता है। विकेट से मदद मिलती है। मैंने सही जगह गेंद करने की कोशिश की। रोहित शर्मा बड़ा नाम है और उनका विकेट हमारे लिए अहम था, मेरे लिए निती तौर पर भी।”