सऊदी अरब हमेशा से फिलिस्तीन के समर्थन में मुखर रहा है. वहीं अब इसे दोहराते हुए इस इस्लामिक मुल्क के वदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि वह फिलिस्तीन को स्वतंत्र राज्य घोषित करने तक इजरायल के साथ अपने संबंधो को सामान्य नहीं करेगा.
‘अल अरबिया न्यूज’ की वेबसाइट के मुताबिक सऊदी अरब का यह बयान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मंगलवार 4 फरवरी 2025 को हुई एक प्रेस कांफ्रेस के बाद आया है. इस दौरान इजरायली पीएम ने रियाद के साथ शांति समझौते की उम्मीद रखी थीं. नेतन्याहू ने आशा रखते हुए कहा,’ मुझे लगता है कि इजरायल और सऊदी अरब के बीच शांति न केवल संभव है बल्कि मुझे लगता है कि यह होने जा रही है.’ पीएम ने कहा कि वह और ट्रंप इसे हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
न्यूज कांफ्रेस के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने गाजा से फिलिस्तीनियों को स्थानांतरित करने के अपने प्रस्ताव को लेकर मिडिल ईस्ट के कई नेताओं से बातचीत की थी. ट्रंप ने दावा किया कि नेता उनके इस विचार का समर्थन कर रहे हैं. सात ही उन्होंने कहा कि बाकी नेतओं को भी उनका यह विचार काफी पसंद आया, हालांकि एक दिन पहले ही एक वरिष्ठ फिलिस्तीनी अधिकारी और 5 अरब विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को एक संयुक्त पत्र लिखकर फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की किसी भी तरह की योजना का विरोध किया था. पत्र में ऊदी अरब, कतर, जॉर्डन, मिस्त्र और UAE के विदेश मंत्रियों समेत फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के सलाहकार हुसैन अल-शेख ने हस्ताक्षर किया था.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कई देशों से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का आग्रह किया था. वहीं उन्होंने फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों का समर्थन करने के लिए कई इंटननेश्नल समूहों को संगठित करने के महत्व पर भी जोर दिया है. बता दें कि इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायली नागरिकों पर किए हमले के बाद से जंग जारी है. वहीं 19 जनवरी को दोनों के बीच सीजफायर डील हुई थी.