मोदी सरकार इनकम एक्ट पर बड़ा बदलाव करने जा रही है. इसके तहत 1961 से चले आ रहे आयकर कानून (Income Tax Law) में बदलाव की तैयारी है. बताया जा रहा है कि नए इनकम टैक्स बिल के जरिये टैक्सेशन सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाया जा सकेगा. इससे आयकर कानून की भाषा आसान हो जाएगी और टैक्स भरना आसान होगा.
7 फरवरी को शाम 6 बजे पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में नए आयकर बिल को मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है सरकार इस बिल को 10 फरवरी को संसद में पेश करेगी.
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि यदि सब ठीक रहा तो 1 अप्रैल से नया टैक्स सिस्टम लागू होने की संभावना है. ऐसे में सबका यही सवाल है कि नए इनकम टैक्स बिल में क्या-क्या बदलाव होने जा रहे हैं?
मौजूदा इनकम टैक्स कानून 1961 से लागू किया गया है. अब इसे पूरी तरह खत्म करके नया कानून लाया जाएगा. यह मौजूदा जरूरतों के हिसाब से अपडेटेड होगा.
नया इनकम टैक्स कानून कम और आसान शब्दों में होगा. इसका मकसद इसे आम लोगों को आसानी समझाना है. मौजूदा कानून 6 लाख शब्दों में लिखा गया है, इसे घटाकर आधा किया जाएगा. इसका सीधा सा मतलब कॉम्प्लेक्सिटी और कम कंफ्यूजन से है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बिल में टैक्स स्लैब नहीं बदले जाएंगे. यानी जो मौजूदा टैक्स दरें हैं भविष्य में भी वहीं रहेंगी. टैक्स सिस्टम को ज्यादा आसान और तर्कसंगत बनाया जाएगा.
टैक्स फाइल करने के प्रोसेस को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा. इसका फायदा यह होगा कि आने वाले समय में पेपर वर्क कम होगा और लोग आसानी से इनकम टैक्स फाइलिंग कर सकेंगे.
सरकार का फोकस टैक्स से जुड़े मुकदमों को कम करने पर है. कई गलतियां होने पर सजा कम करने का प्रावधान हो सकता है. नए टैक्स नियमों को ज्यादा पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि किसी प्रकार की दिक्कत न हो. इससे टैक्सपेयर्स को कम परेशानी होगी.
सरकार की तरफ से असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर को भी मर्ज करने पर विचार किया जा रहा है. नया कानून विदेशी कंपनियों और इन्वेस्टर्स के लिए भी क्लियर होगा, जिससे भारत में निवेश बढ़ सकता है.
सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स सिस्टम में शामिल हों. लेकिन इसमें किसी नए टैक्स का प्रावधान नहीं होगा. सरकार की मंशा है कि 1 अप्रैल से यह नया टैक्स कानून लागू किया जाए. पहले इसे स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाएगा.